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बिजनेस

फरवरी में सर्विस सेक्टर ने छुआ 12 साल का High Level, 59.4 रहा Services PMI

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Services PMI was 59.4

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नई दिल्ली। भारतीय सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन फरवरी 2023 में पिछले 12 सालों के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है। सर्विस सेक्टर को सहारा देश में मजबूत मांग और नये व्यापार में बढ़ोतरी होने से हुई है। मासिक निजी सर्वे में आज शुक्रवार को ये दावा किया गया है।

S&P ग्लोबल इंडिया सर्विसेज की फरवरी के सर्वे में जानकारी दी गई कि Purchasing Managers’ Index (PMI) बढ़कर 59.4 पर आ गया है, जो कि जनवरी के महीने 57.2 पर था। सर्विस सेक्टर का फरवरी पीएमआई 59.4 पिछले 12 सालों का सबसे अधिक स्तर है।

19 महीनों से सर्विस सेक्टर में तेजी जारी

यह लगातार 19 वां महीना है, जब पीएमआई 50 से अधिक रहा है। परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जब भी 50 से अधिक रहता है, तो इसका अर्थ है कि सर्विस सेक्टर में बढ़ोतरी हो रही है। जब भी यह 50 से कम होता है, तो ये गिरावट को दर्शाता है।

इस कारण से हुई तेजी

एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में एसोसिएट डायरेक्टर पोल्यान्ना डी लीमा कहा कि सर्विस सेक्टर ने जनवरी में खोई तेजी को एक बार फिर से प्राप्त कर लिया है। प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण नीतियों के कारण बिक्री सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी का दबाव भी कम हुआ है। इनपुट की कीमत पिछले 2.5 सालों में सबसे कम तेजी बढ़ी है और इस कारण आउटपुट चार्ज महंगाई 12 महीने के निचले स्तर पर आ गई।

नए ऑर्डर में हुई बढ़ोतरी

सर्वे में भाग लेनी वाली फर्मों ने बताया कि फरवरी में नए ऑर्डरों बढ़ोतरी हुई हैं। इसके साथ कुछ कंपनी की ओर से यह भी बताया गया कि प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण नीतियों के कारण उनकी बिक्री में इजाफा हुआ है।

क्या होता है PMI डाटा?

S&P ग्लोबल इंडिया सर्विसेज की ओर से हर महीने PMI (Purchasing Managers’ Index) डाटा जारी किया जाता है। इसमें सर्विस सेक्टर की 400 कंपनियां शामिल होती हैं, जिन्हें जीडीपी योगदान और कंपनी के कार्यबल के आकार के आधार पर पैनल में शामिल किया गया है। एसएंडपी ग्लोबल ने पीएमआई डाटा दिसंबर 2005 से एकत्रित करना शुरू किया गया था।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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