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उत्तर प्रदेश

शाइस्ता परवीन की बिना नकाब वाली नहीं है कोई तस्वीर, विदेश भागने की है आशंका

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Shaista Parveen without a mask

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प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन के विदेश भागने की आशंका जताई गई है। ऐसे में उसे विदेश जाने से रोकने के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया जाएगा। इसके लिए पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी गई है। उमेश पाल हत्याकांड के मुकदमे में शाइस्ता भी अतीक समेत अन्य के साथ नामजद अभियुक्त है।

पुलिस का कहना है कि शाइस्ता परवीन की नकाब वाली फोटो ही सार्वजनिक हुई है, जबकि बेनकाब वाली तस्वीर के बारे में सभी को नहीं पता है। इसी का फायदा उठा फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भाग सकती है।

साजिश का हिस्सा थी शाइस्ता परवीन

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक गिरोह के गिरफ्तार पांच मददगारों से पूछताछ में पता चला कि अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन भी साजिश की सभी बैठकों में बराबर शामिल होती थी। उसने आखिरी बैठक में शूटरों से कहा था कि इंशाल्लाह, हमें उमेश को जान से मारकर कामयाब होना है। उसने शूटरों से कहा कि यह हक की लड़ाई है जिसे जीतना ही होगा। जो जीतेगा वही जी सकेगा।

हर ग्रुप कॉल में होती थी शामिल

वह ग्रुप काल में भी शामिल रहती थी। 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में अतीक अहमद और अशरफ के साथ शाइस्ता परवीन को भी आपराधिक साजिश में नामजद अभियुक्त बनाया था। पुलिस जांच में शाइस्ता की भूमिका उजागर होती गई।

चकिया वाले घर में होती थी बैठक

अब तक गिरफ्तार अपराधियों के बयान से यह साबित हो चुका है कि शाइस्ता परवीन शुरू से ही इस सनसनीखेज वारदात के षड़यंत्र से जुड़ी रही है। अब मंगलवार को नकदी और दस हथियारों के साथ गिरफ्तार पांच लोगों से पूछताछ में भी शाइस्ता की कारगुजारियों के बारे में पता चला है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अतीक के घरेलू नौकर कैश अहमद तथा मुंशी राकेश कुमार उर्फ लाला ने स्वीकारा कि उमेश पाल के कत्ल के लिए चकिया वाले घर में शूटरों की बैठक होती थी।

शाइस्ता बार-बार कहती थी कि बहुत हो गया

इस दौरान जेल में बंद अतीक और अशरफ भी ग्रुप वीडियो काल से जुड़ते और रेकी करने से लेकर गोली मारकर भागने के तरीके पर अपनी बात रखते थे। इन्हीं बैठकों के दौरान शाइस्ता बार-बार कहती रहती थी कि बहुत हो गया, अब इस काम को अंजाम देकर अपनी इज्जत वापस लानी है, हमारा नाम गूंजना चाहिए। उसे मारकर कामयाब होना है और इंशाल्लाह ऐसा होगा।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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