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शशि थरूर के ‘स्मार्ट’ सवाल पर छिड़ी बहस, मंत्री ने दी सेमिनार की चुनौती

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Shashi Tharoor hardeep puri in loksabha

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नई दिल्ली। लोकसभा में आज मोदी सरकार की स्पेशल परियोजना स्मार्ट सिटी पर कांग्रेस और सत्ता पक्ष के बीच खूब सवाल जवाब हुआ। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने स्मार्ट सिटी परियोजना में अनियोजित कामकाज को लेकर सवाल पूछ लिया।

थरूर ने कहा कि जहां वाराणसी में कई परियोजनाएं 98 फीसदी तक पूरी हो गई हैं वहीं कुछ शहरों में महज 3 प्रतिशत तक ही कामकाज हुआ है। थरूर के इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने थरूर को सेमिनार की चुनौती दे डाली।

क्या था थरूर का सवाल

थरूर ने कहा कि मैं स्मार्ट सिटी में एक बात को लेकर काफी चिंतित हूं। इस बारे में मंत्री जी से मेरा सवाल है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के पूरा होने में अब केवल 4 महीने का ही वक्त है। जून 2023 में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य है।

2016 में आपने वाराणसी और छत्तीसगढ़ के अटल नगर को चुना था। स्मार्ट सिटी के लिए वाराणसी में 98 प्रतिशत से ज्यादा परियोजनाएं पूरी हो गए हैं जबकि अटल नगर में महज 3.08 फीसदी प्रोजेक्ट ही पूरा हुआ है। आखिर ये अनियोजित कामकाज क्यों हो रहा है?

मंत्री का जवाब

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने थरूर के सवाल पर बड़ा रोचक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मेरा बड़ा आसान सवाल है जब आप फैक्ट एंड फीगर पढ़ते हैं तो बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है।

दरअसल, जबतक स्मार्ट सिटी के शहरों से कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं आ जाता है तबतक काम को पूरा नहीं बताया जाता है। सभी 100 स्मार्ट सिटी में तेजी से काम हो रहा है। हां, कोविड के कारण और कुछ स्थानीय वजहों से देरी हुई है। राज्य सरकारों की भी भूमिका होती है।

थरूर को दी चुनौती

पुरी ने कहा कि मैं आदरणीय सदस्य को यह भी कहना चाहता हूं कि हमें अन्य सदस्यों के साथ एक स्पेशल सेमिनार भी आयोजित करना चाहिए, ताकि वहां अन्य मुद्दों को लेकर बात कर लें लेकिन हम ये नहीं कह सकते हैं कि राज्य में काम क्यों नहीं हो रहा है? मैं इसपर अपनी राय नहीं रख सकता हूं।

स्मार्ट सिटी में देरी के लिए कुछ कॉमन फैक्टर भी हैं, जिसका असर पड़ रहा है। राजकोट में स्थानीय सांसद और लोकल अधिकारी हर तीन महीने में बैठक करते हैं, वहां तेजी से काम हो रहा है।

वाराणसी स्मार्ट सिटी पर दिया जवाब

थरूर के उस सवाल पर कि वाराणसी में काम 98 फीसदी कैसे हो गया, पर पुरी ने कहा कि मैं सदस्य से आग्रह करूंगा कि जब आप हमारी वेबसाइट देंखे तो पूरी तरीके से देखें। सितंबर 2017 में पहले राउंड में वाराणसी स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था

वहीं छत्तीसगढ़ का अटल नगर राउंड तीन में घोषित किया गया था। पहले राउंड और तीसरे राउंड की आप तुलना नहीं कर सकते हैं। पढ़े-लिखे सदस्यो को इस तरह की बातों से बचना चाहिए।

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नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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