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मुख्य समाचार

शिंदे कैंप का ठाकरे को ओपन लेटर- जनता के लिए कभी नहीं खुला CM आवास

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मुंबई। शिवसेना के बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा जमाए हुए एकनाथ शिंदे कैंप की ओर से उद्धव ठाकरे को खुला पत्र लिखा गया है।

पत्र के अनुसार आपने जब वर्षा को छोड़ा तो काफी भीड़ वहां दिखाई दी। अच्छा हुआ कि पहली बार इस बंगले के दरवाजे आम लोगों के लिए भी खोले गए। पिछले ढाई साल से इस बंगले के दरवाजे बंद थे। विधायक होकर भी हमें आपसे मिलने के लिए आपके करीबियों के आगे-पीछे घूमना पड़ता है।

आपके पास इकट्ठा हुए कथित चाणक्यों ने हमें राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति से दूर रखा गया। नतीजा अब सबके सामने है। हमें कहा गया कि आप छठी मंजिल पर आप लोगों से मिल सकते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।

अपने विधानसभा क्षेत्रों पर काम के लिए हमने कई बार संपर्क किया तो फोन तक नहीं उठते। ये सारी चीजें हम भुगत रहे थे और सभी विधायकों ने यह सहन किया है। हमने आपके आसपास के लोगों को यह बताने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह सब जब हुआ तो एकनाथ शिंदे हमारे लिए तैयार रहे और चिंता की।

अब हम सब न्याय और हक के लिए एकजुट हुए हैं। इसीलिए हमने उन्हें नेता मानते हुए यह फैसला लिया है। हिंदुत्व, अयोध्या और राम मंदिर शिवसेना के मुद्दे हैं, लेकिन हमें रोक दिया गया।

कई विधायकों को खुद उद्धव ठाकरे ने ही अयोध्या जाने से रोक दिया। राज्यसभा चुनाव में शिवसेना का एक भी वोट क्रॉस वोट नहीं हुआ था।

इसके बाद भी विप चुनाव से पहले हम पर अविश्वास जताया गया। हमें भी रामलला के दर्शन करने थे, लेकिन ऐसा क्यों नहीं करने दिया गया। हमें कभी वर्षा पर जाने की परमिशन नहीं मिली। एनसीपी और कांग्रेस के लोग आसानी से मिल जाते थे, लेकिन हमें एक्सेस नहीं था।

– संजय शिरसाट

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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