पंजाब
पंजाब: शिवसेना ने नंगे पांव निकाला मार्च, राजभवन के अधिकारियों को सौंपा मांग पत्र
चंडीगढ़। शिवसेना की पंजाब इकाई ने राजधानी चंडीगढ़ के सेक्टर-42 के चौक से गवर्नर हाउस की ओर नंगे पांव मार्च निकाला। इस बीच मीडिया से बात करते हुए शिवसेना पंजाब के नेता संजीव घनौली और राजीव टंडन ने मांग की कि बंदी सिंहों को रिहा करने से पहले उन पुलिस कर्मियों को रिहा किया जाए, जो आतंकवाद के दौरान अपनी ड्यूटी कर रहे थे, जिन्हें गलत मामलों में फंसाकर जेलों में डाल दिया गया था।
उन्होंने कहा कि 18 से अधिक पुलिस अधिकारी-कर्मचारी झूठे केसों के कारण जेलों में बंद हैं। इसके अलावा 80 से अधिक पुलिस अधिकारी व कर्मचारी लंबे समय से झूठे मुकदमे झेल रहे हैं।
शिवसेना नेताओं ने मांग थी की कि पंजाब में भी अफीम की खेती की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पूरा भारत एक है तो हर राज्य में कानून व्यवस्था भी एक होनी चाहिए। इसलिए राजस्थान की तर्ज पर पंजाब में भी अफीम की खेती होनी चाहिए, जिससे पंजाब में बहने वाली नशे की नदी को रोका जा सके।
नेताओं ने कहा कि पंजाब से सटी पाकिस्तान की सीमा को व्यापार के लिए खोला जाना चाहिए ताकि दोनों देशों को व्यावसायिक लाभ मिल सके। चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सडक़ पर रोके गए शिव सेना के पैदल मार्च को शांत करने के लिए मौके पर पंजाब राजभवन से पहुंचे अधिकारियों ने शिवसेना नेताओं से बात कर उनका मांग पत्र लिया और उनकी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने पर भी सहमति जताई।
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किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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