उत्तर प्रदेश
शिवपाल यादव का ब्रजेश पाठक पर आरोप- बहुत बुरी हालत में यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव ने शुक्रवार को विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा उठाया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर तमाम आरोप लगाए।
शिवपाल यादव ने कहा कि आज यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बहुत बुरी हालत में हैं। जिला अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है दवाएं भी नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तो बहुत ही बुरी हालत है। ज्यादातर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तो ताले पड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा स्टाफ नहीं है, नर्स नहीं है, वार्ड बॉय नहीं है। कहीं पर कोई व्यवस्था नहीं, डेंगू जैसी तमाम बीमारियां फैली हुई हैं। गरीब लोग इलाज के अभाव में मर रहे हैं। विज्ञापनों में लगता है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठीक है लेकिन धरातल पर अगर देखा जाए तो पूरा विभाग वेंटीलेटर पर है।
यहां तक की कोरोना के समय जितने भी वेंटीलेटर खरीदे गए आज कोई भी उनमें से काम नहीं कर रहा है। यहां तक कि अगर अस्पताल में एक्स-रे कराना है तो उसके नाम पर समय दे दिया जाता है। साथ ही समय के साथ-साथ बसूली भी हो रही है।
शिवपाल ने सीएचसी का उठाया मुद्दा
शिवपाल यादव ने अपने क्षेत्र के ताखा ब्लॉक की एक सीएचसी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हमारे ताखा ब्लॉक की एक सीएचसी है जिसकी बिल्डिंग बहुत सुंदर है लेकिन अभी तक डॉक्टर समते तमाम स्टाफ नहीं है।
शिवपाल यादव ने कहा कि कोरोना काल में मैंने अपनी विधायक निधि से तीस लाख रुपए दिए थे। साथ ही मैंने उसको लेकर सीएम योगी तक को पत्र लिखा था। लेकिन आज तक वहां किसी डॉक्टर और तमाम स्टाफ की नियुक्ति नहीं हुई।
शिवपाल बोले आप छापा बुहत मारते हैं…लेकिन क्या फायदा
मंत्री जी आप छापा बहुत मारते हैं, दरवार भी लगाते हैं अधिकारियों को भी बुला लेते हैं….अच्छी बात है। लेकिन अधिकारियों पर मंत्री जी का कोई असर नहीं पड़ता है। शिवपाल ने कहा कि बताइए ऐसे छापा मारने से क्या फायदा?
ब्रजेश पाठक ने सदन में दिया शिवपाल को जवाब
स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सदन में सपा विधायक शिवपाल यादव की बात सुनने के बाद अपना नंबर आने पर बेबाकी से उनके सवालों का जवाब दिया। पाठक ने अपने भाषण के शुरुआत में ही सपा सरकार के समय की पुराने न्यूज पेपर कटिंग सदन में दिखाकर शिवपाल पर हमला बोला।
सपा सरकार पर लगाए कई आरोप
ब्रजेश पाठक ने शिवपाल के सवालों को बदले की भावना बताया। उन्होंने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार में स्वास्थ्य महकमें को लूट का अड्डा बना दिया गया था। सरकारी योजनाओं में सपा सरकार में जमकर लूट होती थी। डॉक्टरों से मिली भगत करके आधा पैसा लेकर उनको ड्यूटी से रोकते थे। ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमारी सरकार में निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ सभी विभागों में काम हो रहा है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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