Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

HC से भी राहुल गांधी को झटका, अंतरिम राहत देने से इनकार; फैसला सुरक्षित

Published

on

Rahul Gandhi Modi surname case

Loading

अहमदाबाद। मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने आज मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने 2019 के इस मामले में हुई दो साल की सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस हेमंत प्रच्छक छुट्टी के बाद फैसला सुनाएंगे। कोर्ट ने तब तक के लिए राहुल गांधी को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।

राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर ‘मोदी उपनाम’ से जुड़ी टिप्पणी के बाद एक आपराधिक मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने की मांग की है। मामले में राहुल गांधी ने सूरत की एक कोर्ट ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद राहुल को लोकसभा की सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ा था।

29 अप्रैल को हुई थी सुनवाई

इससे पहले सूरत सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट में 29 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने राहुल गांधी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से दो मई तक जवाब दाखिल करने को कहा था। इसके बाद अगली सुनवाई मंगलवार दो मई को तय कर दी गई थी।

राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में अपनी दलील देते हुए कहा था कि जिस अपराध के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराया गया है और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है, वह न तो गंभीर है और न ही इसमें नैतिक कदाचार शामिल है।

सूरत की कोर्ट ने रोक लगाने से कर दिया था इनकार

इससे पहले सूरत की कोर्ट ने मोदी उपनाम से जुड़ी टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राहुल ने गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। मामले में एक जज के खुद को अलग कर लेने के बाद अब एक नए न्यायाधीश की ओर से मामले की सुनवाई की गई।

किस मामले में हुई राहुल को सजा?

राहुल गांधी की ओर से 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी।

हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए कुछ दिन की मोहलत भी दी थी। इसके साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी थी। राहुल ने सूरत की कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की थी, जिनमें एक को कोर्ट ने खारिज कर दिया था और दूसरी पर तीन मई को सुनवाई होनी है।

क्या कहा था राहुल ने?

दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

राहुल के लिए आगे क्या?

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से किसी भी कोर्ट में दोषी ठहराए जाते ही नेता की विधायकी-सासंदी चली जाती है। इसके साथ ही अगले छह साल के लिए वह व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाता है। राहुल की सांसदी चली गई है। अगर कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिलती है तो राहुल 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे।

नेशनल

दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

Published

on

Loading

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

Continue Reading

Trending