प्रादेशिक
बाबा सिद्दीकी की मौत हुई है या नहीं, कंफर्म करने के लिए अस्पताल पहुंचा था शूटर शिव कुमार गौतम
मुंबई। एनीसीपी नेता रहे बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच से पूछताछ में उसने बताया है कि 12 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी को गोली मारने के बाद वह लीलावती अस्पताल पहुंचा था, जहां उनका इलाज चल रहा था।
वो यह जानना चाह रहा था कि बाबा सिद्दीकी जिंदा हैं या नहीं? शूटर ने बताया कि वो अपने आसपास के सूत्रों से बाबा सिद्दीकी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जुटा रहे थे। इस बीच, जब उसे पता चला कि अब बाबा सिद्दीकी नहीं बच सकते हैं। उनकी हालत हद से ज्यादा नाजुक हो चुकी है, तो वो वहां से चला गया। शूटर ने बताया कि उसे फोन पर बाबा सिद्दीकी की मौत के बारे में जानकारी दी गई थी।
इसके बाद आरोपी शूटर रिक्शा लेकर कुर्ला स्टेशन पहुंचा और इसके बाद उसने एक लोकल ट्रेन पकड़ी। ट्रेन में सफर करने के दौरान ही उसके पास फोन आया, जिसमें उसे बाबा सिद्दीकी के मौत के बारे में जानकारी दी गई। शूटर ने बताया कि जब उसे पता चला कि बाबा सिद्दीकी की मौत हो चुकी है, तो उसने अपनी शर्ट बदली और घटनास्थल पर चला गया। बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद घटनास्थल पर जमकर हंगामा देखने को मिला था। इन सभी स्थितियों पर उसने पूरी नजर बनाकर रखी थी।
इन तमाम स्थितियों पर वह करीब 30 मिनट तक नजर बनाए हुए था। इसके बाद वो दोबारा अस्पताल गया, ताकि अंदर क्या स्थिति है, उसके बारे में पता लगाया जा सके। शूटर ने बताया कि बाबा सिद्दीकी को मौत के घाट उतारने के बाद उसका प्लान उज्जैन रेलवे स्टेशन पर धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह से मिलना था। इसके बाद बिश्नोई गैंग के लोग उसे वैष्णो देवी मंदिर लेकर जाने वाले थे। इसके बाद उसने लखनऊ की ट्रेन पकड़ी। जहां से वो रोडवेज बस से बहराइच के लिए रवाना हो गया।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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