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जुर्म

Shraddha Murder Case: श्रद्धा ने दी थी छोड़ने की धमकी, इसलिए मार डाला

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Shraddha Murder Case

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नई दिल्ली। श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) के आरोपी आफताब पूनावाला ने इस बर्बर हत्या के कई राज खोल दिए हैं। नार्को टेस्ट के दौरान आफताब ने डॉक्टर्स की टीम से कहा कि श्रद्धा ने उसे छोड़ने की धमकी दी थी। इस बात से उसे गुस्सा आ गया और उसने श्रद्धा की हत्या कर दी।

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आफताब ने ये भी बताया कि उसने कैसे श्रद्धा के शव के टुकड़े करके ठिकाने लगाया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नार्को के दौरान नशे में आफताब ने जो भी बताया जांचकर्ताओं ने उसमें से कई की पुष्टि की है।

एक पुलिस सूत्र ने कहा कि जब डॉक्टर्स ने आफताब से पूछा कि उसने श्रद्धा का सिर कहां छिपाया था, तो वो उस जगह के बारे में नहीं बता पाया। उसे ठीक से याद नहीं था कि उसने सिर कहां छिपाया था। रोहिणी के आंबेडकर अस्पताल में कल गुरुवार को आफताब का नार्को टेस्ट दो घंटे तक चला। इस दौरान ऑपरेशन थियेटर में दो डॉक्टर्स, एक मनोवैज्ञानिक और दो फोटो एक्सपर्ट सहित 5 लोग मौजूद थे।

नार्को के दौरान कई बार बेहोश हुआ आफताब

सूत्रों के अनुसार, नार्को टेस्ट के दौरान आफताब कई बार बेहोश हो गया। एक्सपर्ट्स के अनुसार, नार्को जांच में सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम एमिटल जैसी दवा दी जाती है, जो व्यक्ति को एनेस्थीसिया के असर के विभिन्न चरणों तक लेकर जाती है। इन्हीं दवाओं के प्रभाव से आफताब बेहोश हुआ। बेहोश होने पर उसे टैप करके जगाना पड़ा। परीक्षण के बाद आरोपी को जेल लौटने से पहले दो घंटे के लिए निगरानी में रखा गया था।

क्या-क्या पूछे सवाल?

सूत्र ने खुलासा किया कि आफताब से इस मामले से जुड़े 20-25 सवाल पूछे गए थे। इनमें यह शामिल था कि क्या वह पूरी तरह से अपराध में शामिल था। उसने श्रद्धा की हत्या कैसे की। उसने उसका मोबाइल फोन और कपड़े कहां फेंके और उसने शरीर के विभिन्न अंगों को कहां फेंका था।

सूत्रों ने कहा कि आफताब के जवाब पुलिस और पॉलीग्राफ टेस्ट में किए गए खुलासे से मेल खाते हैं। आफताब ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने गुस्से में आकर श्रद्धा की हत्या की थी। उसने कहा कि उसने उसके शरीर को आरी और चाकू से टुकड़ों में काट दिया और टुकड़ों को जंगल में फेंक दिया।

क्या थी दोनों के झगड़े की वजह?

सूत्रों के मुताबिक, जब आफताब से पूछा गया कि उसने अपनी लिव-इन पार्टनर का सिर कहां फेंका? तो उसने जवाब दिया कि इस बारे में उसने पुलिस को पहले ही बता दिया था। उसने खुलासा किया कि उसने श्रद्धा के कपड़े, उसका फोन और उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों में से एक को फेंक दिया था। उन दोनों के बीच लड़ाई के पीछे की मुख्य वजह खराब रिश्ते और घरेलू खर्चे थी।

तिहाड़ जेल के एक अधिकारी के अनुसार, एफएसएल की चार सदस्यीय टीम और जांच अधिकारी शुक्रवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक जेल नंबर 4 का दौरा करेंगे। अधिकारी ने कहा, “जेल में यह व्यवस्था अदालत के आदेश के अनुसार और परिवहन के दौरान आफताब को खतरे के मद्देनजर है।”

पुलिस सूत्रों ने कहा कि नार्को टेस्ट के नतीजों के आधार पर पुलिस श्रद्धा के शव के टुकड़े और अन्य सबूतों के लिए दिल्ली और गुड़गांव में नए सिरे से तलाशी शुरू कर सकती है।

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उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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