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जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में लगे “अल्लाह हू अकबर और फिलिस्तीन जिंदाबाद” के नारे , मचा बवाल
नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से एक बेहद ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां 22 अक्टूबर की शाम ज्योतिर्गमय 2024 प्रोग्राम का आयोजन किया गया था, जिसका कुछ छात्रों ने जमकर विरोध किया. विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे लगाए. इसके बाद से मामला बढ़ गया और जामिया की एबीवीपी यूनिट से उनकी झड़प हो गई. दरअसल, इस ज्योतिर्गमय 2024 कार्यक्रम का आयोजन यूनिवर्सिटी की एबीवीपी यूनिट ने ही किया था.
क्या है पूरा मामला ?
इस दौरान खास समुदाय के छात्रों ने धार्मिक नारे लगाए। वीडियो में देखा जा सकता है कि लगभग 100 से ज्यादा लोग हंगामा कर रहा हैं। लोग अल्लाह हू अकबर और फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे भी लगा रहे हैं। नारेबाजी से माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पुलिस ने बताया कि घटना गेट 7 के पास शाम करीब 7:30-8 बजे के आसपास हुई। अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। शांति सुनिश्चित करने के लिए परिसर के बाहर पुलिस तैनात की गई है। एबीवीपी से जुड़े छात्रों का एक समूह दिवाली के लिए दीये लगा रहा था और रंगोली बना रहा था, तभी इससे नाराज छात्रों के दूसरे समूह ने सजावट में बाधा डाल दी, जिससे झड़प हो गई। हालांकि उसके बाद, दूसरे समूह के कुछ छात्र आए और कार्यक्रम में बाधा डाली। कुछ दीयों को नुकसान पहुंचाया और ‘फिलिस्तीन जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। फिलहाल मौके पर हालात पुलिस के काबू में हैं। झड़प में किसी छात्र को चोट लगने की जानकारी सामने नहीं आई है। कल रात में हंगामा करने वाले छात्रों को अलग कर दिया गया था।
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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