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अब कोरोना से ही नहीं शोहदों से भी बचायेगा स्मार्ट विमेंस सेफ़्टी फेस मास्क

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वाराणसी। शोहदे अब सावधान हो जाए क्योंकि आम सा दिखने वाला ये फेस मास्क बेहद ख़ास है। ये सुरक्षा के ऐसे उपकरणों से लैस है ,की अब शोहदों की खैर नहीं है | वाराणसी का श्याम चौरसिया योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति से इतना प्रभावित हुआ की उसने महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा को एक टच से और सुरक्षित कर दिया है।

हम बात कर रहे है फेस मास्क की जिसे अब हर कोई कोरोना से बचाव के लिए ज़रूर लगाता है। अब ये स्मार्ट विमेंस सेफ़्टी मास्क महिलाओं के लिए ऐसा अचूक हथियार बन गया है। जिसमें लगे डिवाइस को छूते ही लास्ट डायल और पुलिस सहायता केंद्र यानी 112 हेल्पलाइन पर कॉल चली जाएगी है। इसके अलावा आपातकाल में सहायता के लिए जो नंबर डिवाइस में रजिस्टर होगा उस मोबाइल नंबर पर कॉल भी जाएगी। कॉल के साथ ही लोकेशन भी जाएगा है। इसके अलावा कॉल रिसीव करने वाला व्यक्ति पूरी बात भी सुन सकता है।

श्याम पहले भी महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए कई उपकरण बना चूका है। उनका का कहना है कि जब उत्तर प्रदेश की सरकार आधी आबादी की सुरक्षा को लेकर काफ़ी संजीदा है। तो हम जैसे लोगो का भी फ़र्ज है की इनकी सुरक्षा कवच को और भी पुख्ता किया जाए। जिससे इनके सम्मान और स्वालम्बन पर कोई आघात न कर पाए।

महिलाओं और छात्राओं का भी मानना है कि स्मार्ट विमेंस सेफ़्टी फेस मास्क उनकी सुरक्षा में काफ़ी मददगार साबित हो सकता है। क्योंकि अब हम सभी को अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए फेस मास्क लगा कर चलना जरुरी हो गया है। मास्क में इस छोटे से उपकरण के लगे होने से हमें मदद के लिए बुलाने में काफ़ी सहूलियत होगी। हम लोगो में कॉन्फिडेंस आएगा। हालांकि स्मार्ट फेस मास्क को महिलाओं के अलावा हर कोई इस्तेमाल कर सकता है ,मसलन यदि कोई व्यापारी अपराधियों से घिर गया हो ,लूट की घटना का अंदेशा हो,या किसी भी अनहोनी से बचने के लिए स्मार्ट फेस मास्क आप के लिए वरदान साबित हो सकता है।

कैसे काम करता है ये उपकरण

आप जिस मोबाइल का इस्तमाल करते है। उस मोबाइल फोन से फेस मास्क में लगे उपकरण के ब्लू टूथ से कनेक्ट हो जाएगा और जैसे ही मुसीबत में फांसी महिला इसके सेंसर को टच करेंगी पुलिस और परिवार के सदस्य को लोकेशन के साथ कॉल चली जाएगी । मास्क को धुलने के लिए इसमें लगे उपकरणों को निकाला भी जा सकता है। स्मार्ट विमेंस सेफ़्टी फेस मास्क को बनाने में करीब 850 रूपये का खर्च आया है। लेकिन इसे बड़े पैमाने पर बाजार में लाया जाए तो इसकी कीमत काफी कम हो सकती है व महिलाओं की हिफाज़त ज्यादा हो सकेगी ।

श्याम चौरसिया का कहना है यदि सरकारी सहायता मिले तो इसे बड़े पैमाने पर कम कीमत में बाज़ार में लाया जा सकता है। जिससे आये दिन महिलाओ के साथ होने वाले छेड़खानी ,हिंसा जैसे वारदात को कम किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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