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उत्तर प्रदेश

सपा प्रवक्ता ऋचा सिंह ने भी किया स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध, उठाए कई सवाल  

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SP spokesperson Richa Singh also opposed Swami Prasad Maurya, raised many questions

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लखनऊ। रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करके कईयों के निशाने पर आए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य जहां एक तरफ विपक्षी दलों तो झेल ही रहे हैं तो दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के नेता उनकी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। पार्टी नेताओं की नाराजगी अब खुले मंच पर नजर आने लगी है।

इसी क्रम में सपा प्रवक्ता और 2023 विधानसभा चुनाव में इलाहाबाद पश्चिम से पार्टी प्रत्याशी रहीं ऋचा सिंह ने मोर्चा खोला है। उन्होंने ट्विटर पर कई ट्वीट्स किए हैं, जिसमें वह रामचरित मानस विवाद को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का घेराव करती नजर आ रही हैं।

ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए आरोप लगाया कि वह मानसिक जुगाली से दलित आंदोलन खड़ा करना चाहते हैं। जबकि उन्होंने दलितों की बुनियादी जरूरतों और समस्याओं पर जीवन में कभी ध्यान ही नहीं दिया।

अखिलेश यादव को टैग करते हुए उन्होंने लिखा कि दलित विमर्श मात्र वक्तव्य देने का विषय नहीं है बल्कि उनकी चुनौतियों, दु:ख दर्द में शामिल होने के लिए जमीन पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया है जिसमें महिलाएं पुलिस का विरोध कर रही हैं, इसमें खुद ऋचा सिंह भी नजर आ रही हैं।

इससे पहले उन्होंने स्वामी पर सवाल उठाया था कि जब आप किसी धर्म और भगवान को नहीं मानते तो उसके ऊपर अनुचित टिप्पणी करने का आपका क्या अधिकार है?

उन्होंने आरोप लगाया कि मौर्य लोगों की भावनाओं को सिर्फ़ राजनीति के लिए आहत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि मौर्य तब क्यों चुप थे जब अखिलेश यादव द्वारा खाली किए गए आवास को गंगाजल से धुलवाया गया था।

ऋचा सिंह से पहले पार्टी प्रवक्ता रोली तिवारी मिश्रा ने भी सवाल उठाया था। उन्होंने भी रामचरित मानस विवाद में स्वामी प्रसाद की टिप्पणी की निंदा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी से सपा एमएलसी पर रासुका लगाने की मांग की थी।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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