उत्तर प्रदेश
अतीक अहमद की भी गाड़ी पलट जाए तो आश्चर्य नहीं होगा: भाजपा सांसद
लखनऊ। प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में खुले शब्दों में कहा था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे। हत्याकांड की परत जैसे-जैसे खुल रही है, वैसे-वैसे माफियाओं पर टीम योगी की कार्रवाई बढ़ती जा रही है।
इस बीच उप्र के कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने ट्वीट पर माफिया अतीक अहमद की गाड़ी पलटने की बात कहकर सूबे का सियासी तापमान बढ़ा दिया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उप्र पुलिस की सुरक्षा में उमेश पाल सहित पुलिस सुरक्षाकर्मी की हत्या सीधे उत्तर प्रदेश की सरकार पर हमला है, याद रखो जब विकास दुबे नहीं बचा तो इन दुर्दांतों का क्या होगा ये बताने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आगे लिखा कि अब यदि अतीक की भी गाड़ी पलट जाए तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा।
कुछ इसी लहजे में योगी सरकार में मंत्री जेपीएस राठौर ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि माफियाओं के ठिकानों पर पुलिस के द्वारा दबिश दी जा रही है। इनको पाताल लोक से भी खोज कर लाएंगे।
उन्होंने अपराधियों को हिदायत देते हुए कहा कि जब वह पकड़े जाएं तो हाय तौबा न मचाएं, क्योंकि ऐसे में ड्राइवर असंतुलित हो सकता है और गाड़ी पलट भी सकती है।
विकास दुबे की पलटी थी गाड़ी
गौरतलब है कि जुलाई 2020 में उप्र के कानपुर जिले में हुए गोलीकांड से योगी सरकार की कानून व्यवस्था सवाल उठे थे। इस कांड के पीछे दुर्दांत हीस्ट्रीशीटर विकास दुबे को जिम्मेदार माना जा रहा था, जोकि घटना के बाद फरार हो गया था और उसे उज्जैन में मप्र पुलिस द्वारा दबोचा गया था।
एमपी पुलिस द्वारा हैंडओवर लेकर यूपी पुलिस का काफिला जब विकास के साथ आ रहा था तो STF की एक गाड़ी एक्सीडेंट का शिकार हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक इस एक्सीडेंट के बाद विकास पुलिस के हथियार छीनकर भाग रहा था, तभी मुठभेड़ में मारा गया था।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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