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उत्तर प्रदेश

सूर्यवंशी प्रभु श्रीराम की नगरी में लग रहे सूर्य स्‍तंभ, किरणों से प्रकाशित होगा रामलला का ललाट

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Sun Pillar in Ayodhya

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अयोध्या। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में उनका आभास करवाने के लिए उनसे जुड़े प्रतीकों और रामायण काल के चिह्नों से सजाया जा रहा है। अयोध्‍या को जोड़ने वाले राम पथ, राम जन्‍म भूमि पथ और धर्म पथ पर रामायण के विविध प्रसंगों को दर्शाने वाले म्‍यूरल (भित्‍त चित्र) लगाने की तैयारी है।

अब सूर्यवंशी भगवान राम की नगरी सूर्य स्तंभ से भी सुसज्जित होगी। कमिश्‍नर गौरव दयाल ने बताया कि पूरे शहर में 25 से 30 सूर्य स्‍तंभ लगने हैं जिनकी ऊंचाई 9 मीटर हैं। इनमें से आधा दर्जन लग गए हैं। कमिश्‍नर ने बताया कि इस योजना पर 2 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। इसे एक प्राइवेट संस्‍था प्रायोजित करेगी। ब्रेवो फार्मा ने इसे प्रायोजित करने के लिए अपनी सहमति दी है।

गौरतलब है कि अयोध्या में सूर्य स्तंभ का विशेष महत्व है। भव्‍य राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रामलला के ललाट को भी रामनवमी के दोपहर में सूर्यदेव की किरणों से प्रकाशित करने की व्‍यवस्‍था बनाई गई है। स्‍तंभ से सूर्य की महिमा को प्रदर्शित करते हुए श्रद्धालुओं के मन में श्रद्धा भाव उत्पन्न होंगे।

25 श्रीराम स्‍तंभ भी लग रहे

सूर्य स्तंभों पर अयेाध्‍या की पौराणिक प्राचीन डिजाइन भी उकेरी गई है। कमिश्‍नर ने बताया कि अयोध्या के आकर्षण को बढ़ाने के लिए कई प्रयोग किए जा रहे हैं। स्‍ट्रीट लाइट्स लेकर मुख्‍य मार्गो पर प्राचीन और धार्मिक मान्यता वाली पेंटिंग और वस्तुओं का लगाया जा रहा है। पूरे शहर में 25 श्रीराम स्तंभ लग रहे हैं। राम नगरी को खूबसूरत बनाने के लिए करोड़ों की योजनाओं पर काम चल रहा है जिसमें से कई पूरे हो चुके हैं।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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