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सुरेश राणा ने साधा सपा पर निशाना, बोले-सत्ता में थे तो दंगे करवाए, 5 वर्षों में 400 दंगे उनकी सरकार की नज़ीर

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के लखनऊ में किये गए अन्न संकल्प यानी अन्न प्रतिज्ञा पर उत्तरप्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने जमकर हमला बोला। गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज किसान हित की बात कर रहे हैं,उन्हें किसानों के हित की बात तब याद क्यों नही आई जब 5 साल सत्ता में थे। उनकी सरकार में गन्ना भुगतान को लेकर धरने होते थे,नोएडा में किसानों की जमीन औने पौने दामों पर हड़प लिया गया था।किसान अपनी फसल के भुगतान के लिए रोजाना मिलों के बाहर बैठा रहता था। समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में 11 चीनी मिलें बंद करवा दी थीं,किसानों के मेहनत और ब्याज का पैसा 2200 करोड़ रुपया जो किसानों को मिलना चाहिए था,वो नही मिला।

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि जो अन्न प्रतिज्ञा उन्होंने ली है,उसकी बजाय अच्छा होता कि इस बात का प्रण लेते कि किसानों के भलाई के काम करेंगे, अच्छी सड़क बनाएंगे, उनकी सरकार में तो किसान खेत मे भी जाने से डरता था। छात्राएं स्कूल जाने से डरती थीं, सड़कें नही थी गड्ढों में सड़क थी,बिजली आती नही थी किसान इंजन से सिंचाई करने को मजबूर था। किसानों के अपहरण होते थे, धमकियां दी जाती थीं।किसान असुरक्षा और भय के माहौल में जीने को मजबूर था। उस समय अगर अखिलेश यादव प्रण लेते कि किसानों को सुरक्षा देंगे, किसानों को बिजली पानी देंगे तो शायद हो सकता था कि उनकी शपथ का कुछ असर हो जाता। ज़ाहिर है कि जब मौका मिला तो कुछ किया नही, अब जब मौका नहीं है तो तरह तरह के दिखावटी और ढोंगी प्रण ले रहे हैं,किसान पूरी तरह ऐसे घड़ियाली और नकाबपोश लोगों को भली भांति पहचानता है। उत्तरप्रदेश का किसान पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मजबूती के साथ खड़ा है।

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि हमारी भाजपा सरकार ने पिछले 5 वर्षों में 22 चीनी मिलों को अपग्रेड किया।जितना गन्ना भुगतान समाजवादी पार्टी और बसपा की दस वर्षों की सरकार में नही हुआ उससे ज्यादा 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान इन 5 वर्षों में किया गया। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी सरकार ने किसान हित में 36 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी सरकार बनने के पहले कैबिनेट में ही कर दिया था।

योगी सरकार के 5 वर्षो में किसान सम्मान निधि के साथ सबसे बड़ी बात किसानों की सुरक्षा के कार्य हुए। आज जब किसान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के साथ मजबूती के साथ खड़ा है तो समाजवादी पार्टी को पसीना आ रहा है। अखिलेश यादव किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं,उनकी छटपटाहट स्वाभाविक है। किसानो का आशीर्वाद 2014,2017,2019 में मिला,इस बार उससे कहीं ज्यादा आशीर्वाद 2022 में फिर से मिलने जा रहा है। उनके बहकावे में किसान नही आएगा, ये बात अखिलेश यादव जितना जल्दी समझ जाएं,उनके लिए ही हितकर होगा।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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