Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

गांवों तक अच्छी शिक्षा के द्वार खोलने में मददगार है तकनीक: आलोक रंजन

Published

on

शिक्षा

Loading

लखनऊ। शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिससे सभी बुराइयों से लड़ा जा सकता है। सरकार भी नई शिक्षा नीति के तहत दूर दराज के गांवों तक के बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने का हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार के इन प्रयासों को कैसे सफल बनाया जाये इस पर हम सभी को न सिर्फ सोचना है बल्कि आगे बढ़कर कुछ योगदान भी देना है।

शिक्षा में सुधार के सरकारी प्रयासों को सफल बनाने में हमसबको जुटना होगा। नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए विश्वगुरु एजुकेशन एकेडमी के एजुकेशन टूल्स काफी मददगार साबित होंगे। दूरदराज के गांवों में अच्छी शिक्षा के दरवाजे तकनीक की मदद से खोले जा रहे हैं।यह बातें पूर्व मुख्यसचिव व लेखक आलोक रंजन ने गोमतीनगर स्थित एक होटल में आयोजित सेमिनार ‘एजुकेशन रिअमेजिन्ड’ में कही।

नई शिक्षा नीति के संदर्भ में विश्वगुरु एजुकेशन अकादमी द्वारा ‘एजुकेशन रिअमेजिन्ड’ शीर्षक से आयोजित इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर उन्होंने कहा कि उम्मीद ही नहीं विश्वास भी है कि विश्वगुरु एजुकेशन एकेडमी के एजुकेशन टूल्स से बच्चों में पढ़ाई के साथ साथ भारतीयता की भावना भी पैदा होगी और वो अपनी परम्पराओं व संस्कारों से आसानी से परिचित होंगे।

उन्होंने कहा कि विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी एडवांस टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली को विकसित कर रही है, यह प्रशंसनीय है। नैतिक मूल्यों और आधुनिक सोच पर केन्द्रित ऐसी शिक्षा से हम समाज में सुखद बदलाव ला सकते हैं।

गांवों तक तकनीक के सहारे पहुंच सकती है क्वालिटी एजुकेशन  

संगोष्ठी में विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के संस्थापक मुकेश पाण्डेय ने कहाकि वो बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकारें प्रयासरत हैं। सरकार की नई शिक्षा नीति भी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के सपने दिखाती है।

सरकार की शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए विश्व गुरु एजुकेशनल एकेडमी ने बच्चों के लिए एजूकेशन टूल्स बनाए हैं। यह एजूकेशन टूल्स बच्चों को न सिर्फ पढ़ाई में आगे रखेंगे बल्कि उन्हें अपने संस्कारों परम्पराओं व गौरवशाली अतीत से परिचय भी करायेंगे। प्रकृति के महत्व को अपने क्लासरूम में वो खेल खेल में ही समझ जायेंगे।

मुकेश बताते हैं कि उन्होंने महसूस किया कि बच्चों को जिस स्तर की शिक्षा की आवश्यकता है वो उनसे अभी काफी दूर है। क्वालिटी एजुकेशन बहुत महंगी होने के कारण आम आदमी की पहुंच से बाहर है लेकिन विश्वगुरु ने स्टूडेंट टूल्स के माध्यम से क्वालिटी एजुकेशन को बेहद कम मूल्य में समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। विश्वगुरु के एजुकेशन टूल्स बच्चों में व्यक्तिगत रूप से बौद्धिक व शारीरिक विकास भी करते हैं।

बच्चों के आई क्यू को समय समय पर चेक कर उनकी बौद्धिक क्षमता का विकास करने के लिए भी अकादमी के एजुकेशन टूल्स बेहद उपयोगी हैं। विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी का सपना है कि भारत दुनिया में शिक्षा की महाशक्ति बने। शिक्षा के क्षेत्र में भारत प्राचीनकाल से ही दुनिया में सबसे आगे रहा है।

पढ़ाई के साथ-साथ चरित्र निर्माण पर भी दे रहे हैं जोर

विश्व गुरु एजुकेशन एकेडमी के सह संस्थापक अविनाश पाण्डेय ने जोर देकर कहा कि  भारतीय संस्कृति परम्पराओं, संस्कारों और भारतीयता पर विशेष ध्यान देता है। बच्चों में क्वालिटी एजुकेशन के साथ चरित्र निर्माण का होना बेहद जरूरी है।

उन्होंने कहा कि तेजी से आगे बढ़ रही दुनिया और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हम अपने बच्चों को विश्व का नेतृत्व करने के लिए तैयार कर रहे हैं। विश्व गुरु एजुकेशन एकेडमी का सपना हर बच्चे तक क्वालिटी एजुकेशन पहुंचाना है। हम अपने सपने को पूरा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

विश्व गुरु एजुकेशन एकेडमी के संस्थापकों ने बताया कि एकेडमी पढाई में तकनीक का इस्तेमाल इस प्रकार कर रही है कि बच्चा किसी भी स्थान से अपनी पढाई सम्बन्धी जिज्ञासा शांत कर सके। टेक्नोलॉजी के माध्यम से पढ़ाई का तरीका बदलने जा रहा है।

विश्व गुरु एजुकेशन एकेडमी के एजुकेशन टूल्स में किताबों की भी अहम भूमिका है। नई शिक्षा नीति में जो भी प्रमुख बाते हैं उन सबका ध्यान रखते हुए ही एकेडमी ने स्टूडेंट टूल्स बनाये हैं जिसे स्कूल व बच्चे अपनी अपनी जरूरतों के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह बच्चों व शिक्षकों के बीच बेहतर तालमेल बैठाते हुए निर्धारित पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाते हैं।विश्वगुरु एजुकेशन अकादमी के एजुकेशन टूल्स पढ़ाई के साथ साथ भारतीयता और गौरवशाली परम्पराओं से भी परिचय कराते हैं।

यह भी पढ़ें

एयर चीफ मार्शल की बड़ी घोषणा- अगले साल से महिला अग्निवीरों की भर्ती 

सिंगापुर में ऑफिस खोलेंगे मुकेश अंबानी, हायरिंग शुरू

विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के इस सेमिनार में आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर देबाशीष दास गुप्ता, बीएचयू में संस्कृत के प्रोफेसर शारदिन्दु कुमार त्रिपाठी, लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अरविंद मोहन, शिक्षाविद मदीहा अहमद, कैरियर कोच और शिक्षाविद शुभंकर भट्टाचार्य और वीईए के मेंटर कौशिक भट्टाचार्य ने भी शिक्षा में आ रही चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के दौरान विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के एजुकेशन टूल्स और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया गया कि कैसे एडवांस तकनीक के इस्तेमाल से परम्परागत शिक्षा का चेहरा बदल जायेगा। किस प्रकार क्वालिटी एजुकेशन सस्ती होगी जो हर किसी की पहुंच में होगी। विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के एजुकेशन टूल्स कैसे दूरदराज के गांवों में बैठे बच्चे को आधुनिक शिक्षा से जोड़ेंगे।

विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी की भावी योजनाओं और अन्य राज्यों में अपनी मौजूदगी को प्रजेंटेशन के जरिये दर्शकों को बताया। एकेडमी ने वहां मौजूद लोगों के सामने भविष्य की शिक्षा का खाका भी खींचा।

विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के इन प्रयासों को वहां मौजूद सभी लोगों ने सराहा। विश्व गुरु एजुकेशनल एकेडमी के एजुकेशन टूल्स न सिर्फ छात्रों बल्कि अध्यापकों व स्कूल प्रबंधकों के लिए भी बेहद उपयोगी हैं।

कार्यकम के दौरान मीडिया व अध्यापकों, छात्रों और मौजूद मेहमानों के एजुकेशन टूल्स को लेकर सभी जिज्ञासाओं का समाधान एकेडमी के संस्थापक मुकेश पाण्डेय ने किया। समारोह के अंत में सभी मेहमानों का एकेडमी के सह संस्थापक अविनाश पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा

Published

on

Loading

 

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

Continue Reading

Trending