उत्तर प्रदेश
उप्र: लखीमपुर खीरी में किशोरी की हत्या कर पेड़ से लटकाया शव, दो लोगों पर लगा आरोप
लखीमपुर खीरी। उप्र के लखीमपुर खीरी से किशोरी के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या की सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। किशोरी का शव शनिवार को गांव के बाहर पेड़ से लटका मिला। लड़की के घरवालों ने गांव के ही दो लोगों पर दुष्कर्म और हत्या कर शव पेड़ पर लटकाने का आरोप लगाया। उनकी तहरीर के आधार पर पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
प्राप्त समाचार के अनुसार खीरी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 17 साल की किशोरी शनिवार सुबह शौच के लिए गई थी। काफी देर तक वापस न आने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। काफी खोजबीन के बाद करीब 11 बजे गन्ने के खेत में लगे बबूल के पेड़ से उसका शव लटकता मिला। किशोरी का शव मिलने से सनसनी फैल गई।
गले में बंधा था दुपट्टे का शव
इसकी सूचना मिलते ही मौके पर गांव वाले पहुंच गए। किशोरी के गले में दुपट्टे का फंदा बंधा हुआ था। परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से किशोरी का शव नीचे उतारा। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने छानबीन की। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
मृतका के भाई ने गांव के अवधेश व राजेश पर बहन से दुष्कर्म और हत्या कर शव पेड़ से लटकाने का आरोप लगाया है। खीरी थाना प्रभारी अरविंद पांडेय ने बताया कि जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। आरोपी अवधेश व राजेश पर हत्या का केस दर्ज किया गया है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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