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प्रादेशिक

टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में यूपी ने फिर बनाया रिकॉर्ड

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लखनऊ। कोविड से बचाव की ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट की शानदार रणनीति के लिए सराहे जा रहे उत्तर प्रदेश ने टीकाकरण और टेस्टिंग में एक और कीर्तिमान बनाया है। यूपी देश का एकमात्र राज्य है, जहां अब तक 09 करोड़ से अधिक लोगों ने कोविड टीके की पहली डोज पा ली है तो यहां सैम्पल की जांच भी 08 करोड़ के पार हो गई है।

टीकाकरण की देशव्यापी स्थिति को देखें तो यूपी 11 करोड़ 41 लाख डोज लगाकर पहले पायदान पर बना हुआ है। दूसरे स्थान पर 08.62 करोड़ डोज लगाकर महाराष्ट्र है, जबकि मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल, क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन की ताजा स्थिति के अनुसार 18 वर्ष से अधिक उम्र के 15 करोड़ 04 लाख लोगों को टीका लगाया जाना है। खबर लिखे जाने तक इसमें से 60 फीसदी से अधिक (09 करोड़ 03 लाख से अधिक) लोगों ने टीके की पहली डोज ले ली है, जबकि 02 करोड़ 37 लाख से अधिक लोगों को दोनों डोज लग चुकी है।

145 रह गई कुल एक्टिव केस की संख्या

प्रदेश में कोरोना महामारी काबू में है। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत 24 घंटे में हुई 01 लाख 80 हजार 338 सैम्पल की टेस्टिंग में 66 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया।लखनऊ और मेरठ में 02-02 और गौतमबुद्ध नगर, आगरा, बरेली, गाजियाबाद, बांदा, झांसी और प्रतापगढ़ में 01-01 नए संक्रमित मिले। इसी अवधि में 18 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 145 रह गई है। अब तक 16 लाख 86 हजार 887 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

ताजा स्थिति के मुताबिक जनपद अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, आजमगढ़, बदायूं, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, बहराइच, भदोही, देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, कानपुर देहात, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुर-खीरी, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मथुरा, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रायबरेली, रामपुर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सीतापुर, सुल्तानपुर, उन्नाव और वाराणसी में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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