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नेशनल

नए संसद भवन का अशोक स्तंभ विपक्षी दलों के निशाने पर, सवालों में शेरों की डिजाइन

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन की छत पर बने अशोक स्तंभ का सोमवार को किया गया उद्घाटन विपक्षी दलों के निशाने पर है। विपक्षी दल नए अशोक स्तंभ पर बने चारों शेरों की डिजाइन पर सवाल उठा रहे हैं। इसके मुताबिक इन शेरों का मुंह आक्रामक ढंग से खुला हुआ है, जबकि सारनाथ में बने मूल अशोक की लाट पर जो शेर बने हैं, उनका मुंह बंद है।

आरजेडी ने किया ऐसा ट्वीट

राष्ट्रीय जनता दल ने इसको लेकर कहा है कि मूल अशोक स्तंभ के चारों शेरों के चेहरे पर सौम्यता का भाव है। जबकि अमृतकाल में बने अशोक स्तंभ के शेरों के चेहरे पर सबकुछ निगल लेने का भाव है। आरजेडी द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा है कि हर प्रतीक चिन्ह, इंसान की आंतरिक सोच को प्रदर्शित करता है। इंसान प्रतीकों से आमजन को दिखाता है कि उसकी फितरत क्या है। इस ट्वीट के साथ नए और पुराने अशोक के स्तंभ की तस्वीर भी लगी हुई है।

वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने मूल अशोक स्तंभ पर बने सिंहों को महात्मा गांधी के जैसा शांत और शानदार बताया है। जबकि नए संसद भवन पर बने सिंहों को गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के जैसा बताया है। उन्होंने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा है, गांधी से गोडसे तक। यह मोदी का नया इंडिया है।

महुआ मोइत्रा भी पीछे नहीं

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले में भी बयान जारी किया है। उन्होंने बिना कुछ लिखे दोनों अशोक स्तंभ की विरोधाभासी तस्वीरें शेयर की हैं।

विपक्षी दल उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पूजा-पाठ करने पर भी आपत्ति उठा चुके हैं। विपक्ष के मुताबिक यह संविधान की मूल भावना का उल्लंघन है। भाजपा ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।

नेशनल

दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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