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करियर

केंद्र सरकार ने बताए अग्निपथ योजना के फायदे, जारी की फैक्ट शीट

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार की सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। बिहार से हरियाणा तक आंदोलन हिंसक होता जा रहा है। कहीं गाड़ियों में आग लगा दी गई तो कहीं ट्रेन की पटरियां उखाड़ दी गईं।

ऐसे में सरकार अब युवाओं को इस स्कीम के फायदे समझाने की कोशिश कर रही है। वहीं विपक्ष का कहना है कि इस योजना के जरिए युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाएगा और इससे सेना की गरिमा भी कम होगी।

युवाओं को समझाने के लिए अब सरकार ने अनौपचारिक रूप से एक फैक्ट शीट जारी की है। इसका टाइटल है, ‘ अग्निपथ, मिथक बनाम तथ्य।’ इस शीट के जरिए सरकार ने अपना पक्ष रखने की कोशिश की है। योजना को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे हैं उनके जवाब इसमें दिए गए हैं।

agneepath scheme fact sheet

agneepath scheme fact sheet 02 

अग्निवीरों का भविष्य असुरक्षित?

सरकार का कहना है कि जो लोग आंत्रप्रेन्योर बनना चाहेंगे उन्हें वित्तीय सहायता और लोन उपलब्ध करवाया जाएगा।

जो लोग आगे की पढ़ाई करना चाहेंगे उन्हें कक्षा 12 के समान सर्टिफिकेट दिया जाएगा और आगे की पढ़ाई के लिए ब्रिजिंग कोर्स उपलब्ध करवाया जाएगा।

जो लोग नौकरी चाहते हैं उनको सीएपीएफ और राज्यों की पुलिस भर्ती में वरीयता दी जाएगी।

युवाओं के लिए कम हो जाएंगे अवसर?

सरकार के मुताबिक अग्निपथ स्कीम से युवाओं के लिए अवसर बढ़ेंगे। आने वाले सालों में वर्तमान से तीन गुनी ज्यादा भर्तियां होंगी।

रेजिमेंटल बॉन्डिंग पर पड़ेगा फर्क?

सरकार का कहना है कि रेजिमेंटल सिस्टम में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।

बेस्ट अग्निवीर को सेना में स्थायी किया जाएगा इसलिए उनमें आपसी तालमेल बढ़ेगा।

सशस्त्र बलों के इफेक्टिवनेस पर फर्क?

सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि इस तरह की शॉर्टटर्म स्कीम ज्यादातर देशों में चलाई जा रही हैं और पहले से जांची परखी हैं। यह युवाओं के लिए बड़ा अवसर है।

पहले साल जितने अग्नीवीर भर्ती होंगे वे सेना के 3 फीसदी होंगे। चार साल बाद उन्हें सेना में स्थायी करने से पहले फिर से उनका टेस्ट होगा। इसलिए सेना में भर्ती होने वाले लोग पूरी तरह से जांचे परखे और ट्रेन्ड होंगे।

21 साल में परिपक्वता और विश्वसनीयता की कमी?

सरकार का कहना है कि दुनियाभर में ज्यादातर सेनाएं युवाओं पर ही निर्भर हैं। इस योजना के जरिए युवा और अनुभवी लोगों के बीच 50-50 का अनुपात करने की कोशिश की जाएगी।

सरकार ने अग्निवीरों के समाज के लिए खतरा बनने के सवाल पर जवाब दिया कि ऐसा कहना भी सेना के मूल्यों का अपमान है।

जो युवा एक बार यूनीफॉर्म पहनेगा वह जिंदगीभर देश की सेवा करेगा। आज भी सेना से रिटायर होने वाले लोग देशभक्त होते हैं और देश विरोधी संगठनों में शामिल नहीं होते।

 

उत्तर प्रदेश

यूपीपीएससी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा आज से शुरू, मजिस्ट्रेट ने दिए जरूरी दिशा निर्देश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग रविवार को यूपीपीएससी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन कर रहा है। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई है। परीक्षा की पहली पाली सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक है। दूसरी पाली दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक है। यूपीपीएससी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा राज्य के 75 जिलों में आयोजित की जा रही है। यूपी में कुल 1331 एग्जाम सेंटर्स पर परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।

डिजि लॉकर के जरिए परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाए गए प्रश्न पत्र

पीसीएस प्री परीक्षा में इस बार करीब 5,76,154 अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त की गई है। डिजिटल लॉकर के जरिए परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचाए गए हैं। इसके साथ ही आंखों की स्कैनिंग के जरिए परीक्षार्थियों की पहचान की गई है।

परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती

यूपी के देवरिया जिले में आज दो पालियों में 21 केंद्रों पर पीसीएस प्री परीक्षा आयोजित की जा रही है। सही तरीके से परीक्षा कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसमें कुल 8640 अभ्यर्थी प्रतिभाग करेंगे। परीक्षा के निष्पक्ष एवं सफल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए 21-21 सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट एवं केंद्र व्यवस्थापक तैनात किए गए हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी का इस्तेमाल

इसके अतिरिक्त 10 आरक्षित सेक्टर मजिस्ट्रेट/स्टैटिक मजिस्ट्रेट नामित किए गए हैं। इस बार की परीक्षा में सीसीटीवी कैमरों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी का भी प्रयोग किया जा रहा है। आज हो रही परीक्षा को लेकर एआई आठ तरह के अलर्ट उपलब्ध कराएगा।

CCTV कैमरा लगाए गए

वहीं, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच औरैया जिले के 9 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में पीसीएस प्री परीक्षा कराई जा रही है। पीसीएस प्री परीक्षा को सकुशल नकल विहीन सम्पन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैदी से देख रहा है। सभी परीक्षा केंद्रों को CCTV कैमरों से लैस किया गया है।

स्ट्रांग रूम की मॉनीटरिंग

परीक्षा केंद्र के 200 मीटर तक कोई भी फोटो स्टेट, कैफे आदि की दुकानों को खोलने पर भी रोक लगाई गई है। औरैया जिले के 9 परीक्षा केंद्रों पर 4032 अभ्यर्थी पीसीएस प्री परीक्षा में शामिल होंगे। सभी परीक्षा केन्द्रों में बनाए गए स्ट्रांग रूम से लेकर जिला मुख्यालय तक की परीक्षा की मॉनीटरिंग की जा रही है।

मजिस्ट्रेट ने दिए जरूरी दिशा निर्देश

इसके साथ ही स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ ही सचल दल की भी परीक्षा की निगरानी करेगा। आज सम्पन्न कराई जा रही पीसीएस प्री परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराने को लेकर कल अपर जिला अधिकारी औरैया ने भी परीक्षा केंद्रों की व्यवस्थाओं को परख कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए हैं।

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