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बिहार

बिहार में लोगों की जान की कीमत मात्र 5 रु है: पशुपति पारस

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वैशाली। केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने वैशाली के देसरी नयागांव पहुंचकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सड़क दुर्घटना में हुए 8 लोगों की मौत के बाद उनके परिजनों से मिलकर मीडिया के समक्ष कहा कि बिहार में लोगों की जान की कीमत मात्र 5 रुपया है। उन्होंने कहा की ड्राइवर ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि 40 रुपए मैं एक गिलास शराब पीकर 8 लोगों की जान ले ली, इसलिए मात्र 5 रुपए ही एक जान की कीमत है।

इस घटना के बारे में उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह सरकार की विफलता है। बिहार में शराबबंदी है ही नहीं। अगर बिहार सरकार से शराबबंदी नहीं संभालती तो शराब को फिर से शुरू कर देना चाहिए। पशुपति पारस में मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया और अपने वेतन से सभी आठों मृतकों के परिजनों को 10-10 हजार रुपए दिए।

उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि सड़क के किनारे जो भी सुरक्षा के लिए कार्य करने होंगे वह जल्द किए जाएंगे ताकि दोबारा ऐसी घटना ना हो। गौरतलब है कि 2 दिन पूर्व रविवार की देर रात्रि को देसरी थाना क्षेत्र के नयागांव 28 टोला के पास हाजीपुर महनार हाईवे पर एक अनियंत्रित ट्रक ने पीपल के पेड़ के नीचे पूजा कर रहे 12 लोगों को रौंद दिया था जिसमें 8 की मौत हो गई थी, वही चार अब भी अस्पताल में इलाजरत है।

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प्रादेशिक

बिहार के सरकारी अस्पताल में बिजली गुल, मोबाइल के टॉर्च में कराई गई महिला की डिलीवरी

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हाजीपुर। बिहार की राजधानी पटना से महज 30-40 किलोमीटर दूर हाजीपुर शादी प्रखंड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कई दिनों से अंधेरे में डूबा है। यहां लगातार कई दिनों से मोबाइल की लाइट में डिलीवरी कराई जा रही है। रात बिरात अस्पताल में आने वाले मरीज परेशान हैं। क्योंकि अस्पताल में लाइट नहीं हैं। बीती रात भी यहां एक महिला की टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी कराई गई।

जानकारी के अनुसार बिहार के हाजीपुर शादी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीती रात करीब 1:30 बजे दर्द से छटपटाती महिला को उसके घर वाले लेकर आए। हालांकि वहां बिजली नहीं आ रही थी, जिसके बाद महिला को दर्द ज्यादा होने की वजह से डॉक्टरों ने देसी जुगाड़ का तरीका अपनाया। डॉक्टरों ने एक डंडे में मोबाइल को बांधकर उसका टॉर्च ऑन कर दिया। उसी टॉर्च की रोशनी में डॉक्टरों और उनकी टीम ने महिला का इलाज किया।

क्या बोले स्वास्थ्य कर्मचारी

खुद स्वास्थ्य कर्मचारी आशा कुमारी ने अस्पताल की लापरवाही की पोल खोली है। उन्होंने मीडिया के सामने बताया कि कई बार बिजली गुल होने की समस्या सामने आती रही है। हम लोगों ने कई बार स्वास्थ्य अधिकारी को इस मामले में सूचना दी है लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। वहीं, डॉ अनिल कुमार ने भी बताया कि लाइट नहीं है लेकिन अस्पताल में मरीज हैं। किसी तरह इलाज किया जा रहा है। मामला सामने आने के बाद दोषी अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की बात कही गई है।

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