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उत्तर प्रदेश

वरुण गांधी पर मंत्री ने फिर कसा तंज- विरासत में गद्दी मिल सकती है, बुद्धि नहीं

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varun gandhi sanjay gangwar

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पीलीभीत। सांसद वरुण गांधी और उप्र के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के बीच चल रही जुबानी जंग जारी है। आज रविवार को राज्यमंत्री ने सांसद पर फिर तंज कसते हुए गांधी परिवार पर निशाना साधा है। दरअसल सासंद वरुण गांधी ने गत दिनों क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान राज्यमंत्री के पिता को लेकर टिप्पणी की थी।

रविवार को शहर के गौरीशंकर मंदिर परिसर में आयोजित मन की बात कार्यक्रम में भाग लेने के बाद संजय सिंह गंगवार से मौजूद मीडियाकर्मियों ने सांसद की टिप्पणी के बारे में जिक्र किया। राज्यमंत्री ने कहा कि मैं गौरीशंकर धाम में खड़ा हूं, यह पवित्र धाम है।

उन्होंने कहा हमारी पार्टी और हमारी सरकार ने बड़े बुजुर्गों की इज्जत करना सिखाया है। मैं उनके पिता जी और दादी जी को नमन करता हूं, लेकिन उनको इस तरह की भाषा बोलना शोभा नहीं देता, जिसकी ताई जमानत पर हो, जिसके जीजा जमानत पर हो, जिसका तहेरा भाई जमानत पर हो।

मैं उनकी मां का दर्जा बहुत बड़ा मानता हूं इसलिए उनकी मां के बारे में कुछ नहीं बोलूंगा, लेकिन आप सब जानते हैं कि मौलाना अब्दुल कलाम आजाद फंड का कुछ प्रकरण उनका भी है। मैं एक ही बात कहूंगा कि विरासत में गद्दी तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं मिल सकती। बस इतना ही कहूंगा।

क्या है मामला 

गौरतलब है कि सासंद वरुण गांधी ने पिछले दिनों क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान आयोजित जनसभा में बगैर नाम लिए कहा था कि जिन लोगों की औकात उनकी चप्पल उठाने की नहीं थी, वे लोग पांच पांच गाड़ियों के काफिले में चल रहे हैं। सासंद का यह बयान इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित हुआ।

जिसके बाद संजय सिंह गंगवार ने बीसलपुर में आयोजित सभा में पलटवार करते हुए कहा था कि जो लोग पीलीभीत के लोगों को चप्पल उठाने वाला बता रहे हैं, ऐसे लोगों को जनता जबाव देगी। सांसद और राज्यमंत्री के बीच शुरू हुई यह जुबानी जंग के पीछे मिशन 2024 अहम वजह मानी जा रही है। राज्यमंत्री अपने समर्थकों के बीच 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कहते रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

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कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

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