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राजनीति

महाराष्ट्र की एमवीए सरकार में सबकुछ नहीं है ठीक, कांग्रेस ने एनसीपी पर लगाए आरोप

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मुंबई। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में आपसी खींचतान का दौर लगातार जारी है। सरकार में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने एक बार फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर दल को कमजोर करने आरोप लगाए हैं।

खबर है कि उन्होंने इसके संबंध में पार्टी हाईकमान को भी जानकारी दे दी है। पटोले पहले भी राकांपा पर कांग्रेस को धोखा देने के आरोप लगा चुके हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पटोले ने कहा है कि उन्होंने उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ‘राकांपा की कांग्रेस को कमजोर करने की गतिविधियों’ की जानकारी दी थी।

बीते सप्ताह ही उन्होंने कहा था कि एनसीपी ने गोंदिया और भंडारा जिला परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ जाकर उनकी पार्टी को धोखा दिया था।

रिपोर्ट के अनुसार, एमवीए सरकार के बने रहने को लेकर जब सवाल किया गया, तो पटोले ने कहा कि कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई सालों में राकंपा ने ‘प्रदेश से कांग्रेस का सफाया करने में हर संभव कदम उठाए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘कुछ भी हो सकता है। कांग्रेस हाईकमान को फैसला लेना है।’

पटोले ने सोमवार को भी एनसीपी पर जुबानी हमले जारी रखे। उन्होंने कहा कि गोंदिया और भंडारा जिला परिषद, अमरावती जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और भिवंडी नगर निगम के चुनाव हों या फंड के वितरण की बात, एनसीपी ने कांग्रेस को धोखा दिया है।

उन्होंने कहा, ‘भंडारा और गोंदिया जिला परिषद चुनाव में मैंने एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से बात की थी, लेकिन बिल्कुल सहयोग नहीं मिला। इसके बजाए एनसीपी ने भाजपा से हाथ मिला लिया।’

उन्होंने कहा कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद जब यह साफ हो गया था कि अकेली सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी भाजपा सरकार नहीं बना सकती, तो कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने का फैसला किया।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘आलाकमान सरकार बनाने के लिए राजी हो गई, क्योंकि उनका सबसे बड़ा मकसद भाजपा को सत्ता से बाहर रखना था।

सरकार बनने से पहले एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार किया गया। अब हमें पता चला कि प्रोग्राम चला गया है और एनसीपी ने अपना खुद का फॉर्मूला लागू कर दिया है। यह अस्वीकार्य स्थिति है। हम कार्यक्रम को लागू करने की मांग करते हैं।’ उन्होंने कहा कि बीते दो सालों में एनसीपी ने कांग्रेस के कई बड़े कार्यकर्ताओं को अपने हिस्से में ले लिया है।

राजनीति

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले AAP नेता अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान की बढ़ी मुश्किलें

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले AAP नेता अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन दोनों नेताओं के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा हुआ है। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने दोनों AAP नेताओं के खिलाफ ये मुकदमा दायर किया है। उन्होंने कहा है कि मैं इस पैसे का इस्तेमाल नई दिल्ली विधानसभा के लोगों के लिए करूंगा।

प्रवेश वर्मा ने और क्या कहा?

नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘मैंने चुनाव आयोग से शिकायत की है और दिल्ली पुलिस से भी लिखित शिकायत की है कि पिछले एक हफ्ते में पंजाब की हजारों कारें घूम रही हैं। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में पंजाब के मुख्यमंत्री, मंत्री, उनके विधायक और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता अपनी निजी कारों में घूम रहे हैं, जिन पर ‘पंजाब सरकार’ का स्टिकर चिपका हुआ है। वे यहां शराब, सीसीटीवी और पैसे बांट रहे हैं। वे जानते हैं कि वे चुनाव हार रहे हैं, इसलिए वे गलत बयानबाजी कर रहे हैं। मैंने अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है, मैं इस पैसे का इस्तेमाल नई दिल्ली विधानसभा के लोगों के लिए करूंगा।

केजरीवाल ने पीसी कर कही थी ये बात

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीसी में बीजेपी पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीजेपी हिंसा फैला रही है, पूरी दिल्ली से खबर आ रही है। मेरी खुद की विधानसभा में ये हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी द्वारा जो हिंसा और गुंडागर्दी फैलाई जा रही है, वह सिर्फ आतिशी के निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे दिल्ली में हो रही है। हमें लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि भाजपा हिंसा का सहारा ले रही है।

 

 

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