Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

पुलिसकर्मी ने जज को ठीक से नहीं किया सलाम, उसके लिए मिली कड़ी सजा

Published

on

Loading

राजस्थान। राजस्थान के जालोर में एक पुलिसकर्मी ने जज को ठीक से सलाम नहीं किया तो उसे सात दिन तक सैल्यूट करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके साथ ही उसे 10 दिन के अंदर रिपोर्ट भी भेजनी होगी। सात दिन तक चलने वाली ट्रेनिंग में पुलिसकर्मी को रोजाना परेड करनी होगी और सैल्यूट करने का अभ्यास करना होगा। इसके बाद रिपोर्ट भेजी जाएगी और पुलिसकर्मी की ट्रेनिंग पूरी होगी। इस दौरान पुलिसकर्मी को यह भी बताया जाएगा कि कोर्ट में उपस्थिति के दौरान किन-किन नियमों का पालन करना पड़ता है।

पूरा मामला न्यायाधीश की एक टिप्पणी पर आधारित है। जज ने कहा कि पुलिसकर्मी को ट्रेनिंग की जरूरत है और उसकी सात दिन की ट्रेनिंग का शेड्यूल तैयार कर दिया गया।

न्यायाधीश मोहम्मद हारून ने दिया निर्देश

राजस्थान पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात पूनमाराम जिला सेशन न्यायालय में पेश हुए थे। इस दौरान उन्होंने जज साहब को ठीक से सैल्यूट नहीं किया और जज इससे नाराज हो गए। इस घटना के बाद जज ने सीनियर पुलिस अधिकारी से पूनमाराम की शिकायत कर दी। जज ने पुलिस महानिरीक्षक को पूरी घटना के बारे में बताया। इसके साथ ही निर्देश दिए की पुलिसकर्मी को ट्रेनिंग की जरूरत है।

न्यायाधीश मोहम्मद हारून के निर्देश के बाद पुलिस महानिरीक्षक ने पूनमाराम को 7 दिनों तक पुलिस लाईन में परेड करवाने और सैल्यूट का अभ्यास कराने का निर्देश दिया। जिला न्यायालय के पुलिसकर्मी को कोर्ट में उपस्थिति के दौरान अपनाए जाने वाले नियमों के बारे में भी पूरी जानकारी दिए जाने की बात कही। आदेश में यह भी साफ किया गया है कि इसका पालन हुआ या नहीं हुआ और अगर हुआ तो कितना और कैसे हुआ। इसकी पूरी रिपोर्ट 10 दिन के अंदर संबंधित कार्यालय को भेजनी होगी। एसपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि माननीय न्यायालय और पुलिस महानिरीक्षक के आदेश अनुसार हेड कांस्टेबल पूनमाराम को ट्रेनिंग दी जाएगी। वह 7 दिनों तक पुलिस लाइन में परेड करेंगे और सैल्यूट करने का अभ्यास करेंगे।

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

Continue Reading

Trending