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उत्तर प्रदेश

‘एडवांस्ड एआई ड्रिवन डाटा तकनीकों’ के प्रयोग से प्रभावी बनेगा महाकुम्भ मेला का सुरक्षा तंत्र

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महाकुम्भनगर। तीर्थराज प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुम्भ-2025 महापर्व को सफल बनाने के लिए योगी सरकार द्वारा सभी परियोजनाओं के क्रियान्वयन व पूर्ति की प्रक्रियाओं में तेजी लाई गई है। सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ दिव्य-भव्य होने के साथ ही डिजिटल भी होने जा रहा है। ऐसे में, सुरक्षा प्रबंधन के दृष्टिगत महाकुम्भ मेला में एडवांस्ड एआई डाटा ड्रिवन डाटा एनालिटिक्स सॉल्यूशन सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। इस सिस्टम को लागू करने से महाकुम्भ पुलिस का सर्विलांस कई गुना अधिक प्रभावी और मजबूत हो जाएगा। इससे सुरक्षा प्रबंधन के दृष्टिगत भीड़ प्रबंधन समेत विभिन्न पहलुओं की विवेचना करते हुए घटनास्थल व चिह्नित क्षेत्रों के रियलटाइम डाटा को एनालाइज कर प्रभावी स्ट्रैटेजी बनाने में मदद मिलेगी।

बनाई जा सकेगी प्रभावी रणनीति
महाकुम्भ मेला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजेश कुमार द्विवेदी के निर्देशानुसार एडवांस्ड एआई डाटा ड्रिवन डाटा एनालिटिक्स सॉल्यूशन सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया निर्धारण को लेकर कार्य शुरू हो गया है। इस प्रक्रिया को पूरा करने तथा सर्विलांस के लिए एक विशिष्ट टीम का गठन होगा जो इस सिस्टम को लागू करने, प्रत्येक पुलिसकर्मियों व सुरक्षा स्टाफ को ट्रेंड करने तथा विभिन्न प्रकार के रिपोर्ट्स के निर्धारण व निर्माण में मददगार साबित होगा। यह सिस्टम महाकुम्भ पुलिस ऐप के बाद सुरक्षा व स्मार्ट पुलिसिंग की ओर बढ़ रही उत्तर प्रदेश पुलिस की एक और बड़ी सफलता होगी। एसएसपी राजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस सिस्टम से पुलिस का सर्विलांस और अधिक मजबूत हो जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ ही मेला संचालन के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जा सकेगी।

भीड़ प्रबंधन व सार्वजनिक सुरक्षा में सहायक होगा डाटा एनालिटिक्स सिस्टम

प्रयागराज में होने जा रहे महाकुम्भ मेला 2025 में 40 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री शामिल होंगे, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े समारोहों में से एक बन जाएगा। इस तरह के विशाल आयोजन से भारी मात्रा में डाटा उत्पन्न होगा, जिसके लिए प्रभावी भीड़ प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा व संरक्षा के लिए गहन विश्लेषण की आवश्यकता होगी। इसी क्रम में, प्रयागराज मेला पुलिस महाकुम्भ मेला-2025 की अवधि के लिए एक विशिष्ट टीम का गठन करेगी जो बड़े डाटासेट पर एआई व मेटा डाटा आधारित बिग डाटा एनालिटिक्स सॉल्यूशन सिस्टम का निर्माण व संचालन करेगी ताकि आयोजन का सुरक्षित निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके तथा अंतर-एजेंसी समन्वय को बढ़ाया जा सके। इसी को ध्यान में रखकर बिग डाटा एनालिटिक्स समाधान उपलब्ध कराने के लिए एआई युक्त सिस्टम का विकास किया जा रहा है। यह सिस्टम डाटा के पैमाने को देखते हुए, वास्तविक समय के डाटा विश्लेषण व कई डाटा स्रोतों में सहज संरक्षण व विवेचना क्षमताओं वाला एक मजबूत आधार बनेगा। टीम द्वारा बिग डाटा एनालिटिक्स सॉल्यूशन सिस्टम के निर्माण व संचालन के साथ ही प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधिकारियों व सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करना होगा। इस सिस्टम को महाकुम्भ 2025 की शुरुआत के पहले टेस्टिंग फेज पूरा करने के बाद डिप्लॉय कर दिया जाएगा।

कई खूबियों से लैस होगा डाटा एनालिटिक्स सॉल्यूशन सिस्टम

डाटा एनालिटिक्स सॉल्यूशन का उद्देश्य बड़े पैमाने पर डाटा सेटों को वास्तविक समयबद्व विश्लेषण को सक्षम करना है, जिससे महाकुम्भ के दौरान प्रभावी भीड़ प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा की सुविधा मिल सके। इसका उद्देश्य अंतर-एजेंसी समन्वय को बढ़ाना, समय पर संभावित खतरे का पता लगाना तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी उत्पन्न करना है। इसके अतिरिक्त, सिस्टम का उद्देश्य मजबूत डाटा हैंडलिंग और स्केलेबिलिटी सुनिश्चित करना है, जो आयोजन के सुरक्षित और कुशल निष्पादन का समर्थन करना है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विभिन्न सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस को लागू किया जाएगा।

डाटा एनालिटिक्स सॉल्यूशन सिस्टम इन खूबियों से होगा लैस

– डाटा एनालिटिक्स सॉल्यूशन प्रोवाइडर के तौर पर वृहद स्तर पर कार्य करेगा
– रियल टाइम डाटा प्रोसेसिंग, एसेसमेंट व को-रिलेशन के आधार पर स्ट्रैटेजी का निर्माण
– इंटेलीजेंस रिपोर्ट का निर्माण व प्रभावी स्ट्रैटेजी को लागू करने में मददगार
– विशिष्ट रिपोर्टों के निर्माण, स्टोरेज समन्वय के लिए डैशबोर्ड की तरह कार्य करेगा
– ट्रेनिंग व सहायता के साथ ही सिक्योरिटी कॉम्पलायंस व संवेदनशील डाटा को सहेजने में होगा निपुण

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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