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उत्तर प्रदेश

दुनिया देख रही है बदलते भारत की ताकत: सीएम योगी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया में किसी देश की ताकत उसकी अर्थव्यवस्था से होती है। आज भारत पूरी दुनिया में तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है। विगत आठ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो प्रयास व निर्णय हुए हैं, उससे नए भारत की ताकत को पूरी दुनिया देख रही है। लिहाजा भारत के प्रति पूरे विश्व की धारणा बदली है। भारत दुनिया का नेतृत्व कर सकता है, यह सबको दिखाई दे रहा है।

सीएम योगी सोमवार को मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति की ओर से आयोजित ‘बदलता परिदृश्य और पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बदले परिदृश्य में जो प्रयास हुए हैं, उसका परिणाम सामने है। भारत ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अपना देश दुनिया के उन महत्वपूर्ण 20 देशों (जी-20) का नेतृत्व कर रहा है जो दुनिया की 85 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत व्यापार, 60 प्रतिशत आबादी व 90 प्रतिशत पेटेंट पर आधिपत्य रखते हैं। जी-20 का नेतृत्व देश के लिए एक अवसर है उत्तर प्रदेश में भी इससे जुड़े 11 आयोजन होने हैं। योगी ने कहा कि जो लोग देश को जाति, धर्म, वर्ग, भाषा क्षेत्र आदि के आधार पर बांटना चाहते थे वह फेल हो गए हैं। आज भारत आगे बढ़ता है तो देश के 140 करोड लोगों की ताकत दिखती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के कोविड प्रबंधन ने पूरी दुनिया के सामने नागरिकों के अनुशासन व नेतृत्व के प्रति निष्ठा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। पीएम मोदी के नेतृत्व में 140 करोड़ की आबादी ताली बजाने, लॉकडाउन के पालन से जुड़ी। पहले ‘जान है तो जहान है’ और फिर ‘जान भी जहान भी’ के पीएम मोदी के मंत्र को अपनाया। कोरोना संक्रमित देश की आबादी के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को लेकर लोगों के मन में शंकाएं थीं। ये सभी आशंकाएं निर्मूल साबित हुई।उत्तर प्रदेश में न सिर्फ अपने राज्य के प्रवासी कामगारों, बल्कि अगल-बगल के राज्यों से यूपी आए लोगों के प्रति भी मानवीय संवेदना का भाव करते रखते हुए सेवा की। यह मानवीय पक्ष था और राष्ट्रीय कर्तव्य भी।

देश हित में विकास की दौड़ में यूपी का आगे रहना बहुत जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उत्तर प्रदेश विकास की दौड़ में आगे रहे। बीते साढ़े पांच-छह सालों से बदलते उत्तर प्रदेश को आप सभी लोग देख रहे हैं। सरकार किसी विषय पर काफी चर्चा विमर्श और सभी पक्षों का ध्यान देते हुए ही कोई निर्णय लेती है। इसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश विकास के बदलते परिदृश्य में अपनी आभा बिखेर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अकूत संभावनाओं का प्रदेश है। इस पर प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा है। तीन गुना उत्पादन देने वाली उर्वरा भूमि और सबसे अच्छा जल संसाधन हमारे पास है। यदि हम सकारात्मक सोच से इमानदारी पूर्वक प्रयास करेंगे तो उसके सकारात्मक परिणाम ही आएंगे।

बेहतर प्रबंधन, समन्वय व टीमवर्क से इंसेफलाइटिस काबू में

सीएम योगी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में जुलाई से लेकर नवंबर तक का महीना भय पैदा करने वाला होता था। इंसेफलाइटिस के चलते 40 वर्षों में 50,000 बच्चों की मौतें हो गई। इलाज का एकमात्र केंद्र बीआरडी मेडिकल कॉलेज होने से सर्वाधिक मौतें गोरखपुर में होती थी। बीते 5 सालों में बेहतर प्रबंधन, समन्वय व टीमवर्क से इंसेफलाइटिस पर 95 फीसद तक नियंत्रण पा लिया गया है। अगले कुछ सालों में इस पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंसेफलाइटिस की वैक्सीन जापान में 1905 में ही बन गई लेकिन उसे भारत आने में 100 साल लग गए। जबकि नई बीमारी होने के बावजूद कोरोना के लिए दो सर्वश्रेष्ठ वैक्सीन मात्र नौ माह में तैयार कर ली गई। यह नेतृत्व के विजन व कार्यशैली का परिचायक है।

दुनिया के लिए कौतुहल है उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत पांच-छह सालों में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां पूरी दुनिया के लिए कौतूहल हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तर प्रदेश को 2.61 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला था। ढाई साल में सिर्फ 43 लाख शौचालय बन पाए थे। वर्ष 2017 में सूबे की कमान संभालने के बाद नियोजित प्रयास से तय समय सीमा से पहले ही सम्पूर्ण लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया। तीसरी दुनिया के देशों के सम्मेलन में जब देश के उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश में 2.61 करोड़ शौचालय बनने की घोषणा की तो पूरी दुनिया अचंभित थी। उत्तर प्रदेश ने साढ़े पांच सालों में गरीबों के लिए 45 लाख आवास भी बना दिए हैं।

कार्य करने के जज्बे से आएगा परिणाम

उन्होंने कहा कि जब कार्य करने का जज्बा होगा तो उसका परिणाम भी आएगा। उत्तर प्रदेश अब पूरी तरह दंगा मुक्त है। बड़े-बड़े पर्व त्यौहार सिस्टम की जवाबदेही सुनिश्चित होने से ऑटो मोड पर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो रहे हैं। मकर संक्रांति पर 25 लाख लोगों ने संगम में स्नान किया तो लाखों श्रद्धालुओं ने गोरखपुर में बाबा गोरखनाथ को अपनी आस्था की खिचड़ी चढ़ाई। कहीं भी कोई व्यवधान नहीं हुआ।

संवेदनशील व्यवहार व कानून का राज दोनों आवश्यक

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य की खुशहाली के लिए जनता के साथ संवेदनशील व्यवहार और कानून का राज दोनों ही पक्ष साथ लेकर चलने की आवश्यकता होती है। यदि अराजकता की छूट दे दी गई तो असंतुलन व असंतोष पैदा होगा इस पर हमेशा विचार करना होगा। कहा कि नीयत साफ हो, बिना भेदभाव कार्य करने का जज्बा हो तो धारणा बदलती है। उत्तर प्रदेश के प्रति भी धारणा बदली है। कभी गुंडा टैक्स, फिरौती और अपहरण उद्योग की पहचान थी। आज निवेश के सबसे शानदार गंतव्य की है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर अपने मुम्बई दौरे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग यहां निवेश न करने का संकल्प ले चुके थे, आज वह खुद जहां कहा जाए और जितना कहा जाए निवेश करने के लिए संकल्प का भाव दिखा रहे हैं। फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर 16 देशों में मंत्रियों के रोड शो के दौरान सात लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

समाज व प्रदेश को आगे बढ़ाने में मीडिया की भी महत्वपूर्ण भूमिका

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज व प्रदेश को चलाने तथा आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ शासन, जनप्रतिनिधियों व प्रशासन की ही नहीं होती बल्कि इसमें जनभागीदारी और मीडिया की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सकारात्मक रिपोर्टिंग से सरकार की बात करोड़ों लोगों तक पहुंचती है प्रदेश में सकारात्मकता की कहानी भी इसी से जुड़ी हुई है। बदलता परिदृश्य और पत्रकारिता जैसे ज्वलंत व सम-सामयिक विषय पर सार्थक संगोष्ठी कराने तथा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले महानुभाव को सम्मानित करने के लिए मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सरकार हो या मीडिया या फिर कोई अन्य संगठन, सकारात्मक पहल थमनी नहीं चाहिए।
संगोष्ठी के दौरान मुख्यमंत्री ने उद्योग, व्यापार, समाजसेवा, शिक्षा, पत्रकारिता आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए विनय सिंह, कमलेश जैन, अशोक जालान, अतुल सराफ, शम्भू शाह, प्रगति श्रीवास्तव, हरेकृष्ण, राजेश नेभानी, उमेश अग्रहरि को सम्मानित भी किया।

जन सरोकार से जुड़ा है पत्रकारिता का मूल चरित्र : आचार्य मिथिलेश नंदिनी

संगोष्ठी को विशिष्ट वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए आध्यात्मिक विचारक आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि पत्रकारिता का मूल चरित्र जन सरोकार से जुड़ा है। यह बेहद प्रसन्नता का विषय है कि गोरखपुर की मीडिया बदलते समाज के प्रति जागरूक है। मीडिया पर सिर्फ सवाल पूछने तक खुद को सीमित करने की बजाय शासन की जनकल्याणकारी प्रतिबद्धताओं को भी जनता तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि तटस्थता की स्थिति घातक होती है इसलिए पत्रकार को सत्यता, सटीकता और सदाशयता का परिचय देना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में आए सकारात्मक बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि योगी जी ने धर्म और राजनीति के एक साथ न हो सकने के मिथक तोड़ा है। उनके शासन में कुछ दुर्जन निपट गए तो कुछ घट गए।

यूपी में हो रहा भावना व संवेदना केंद्रित विकास : बद्री नारायण

दूसरे विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार बद्री नारायण ने कहा कि समाज को प्रेरणा देने में भी पत्रकारों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बदलते परिदृश्य में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, उद्योग समेत सोशल स्ट्रक्चर का भी विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भावना और संवेदना केंद्रित विकास हो रहा है। वास्तव में जो विकास असंवेदनशील बनाए, वह व्यर्थ है। योगी जी ने विकास के लिए जो गोरखपुर मॉडल तैयार किया है, उसे अन्य राज्य भी अपना रहे हैं। धर्म कैसे समाज को नेतृत्व दे सकता है, योगी जी उसके अनुपम उदाहरण हैं। उनमें सत्ता में रहकर सत्ता को जन समर्पित करने की भावना है। उन्होंने कहा कि बदलते परिदृश्य में विकास प्रक्रिया से जनता को जोड़ने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मीडिया पर है।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक राजेश त्रिपाठी, डॉ शलभ मणि त्रिपाठी, विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, महेंद्रपाल सिंह, वरिष्ठ पत्रकार मदन मोहन, दीप्त भानु डे, राकेश पाल, अखिलेश चंद, रत्नाकर सिंह, मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के अध्यक्ष अरविंद राय, महामंत्री कमलेश सिंह, सतीश पांडेय, गजेंद्र त्रिपाठी, मुनव्वर रिजवी समेत बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी व समाज के विभिन्न वर्गों के गणमान्य उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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