बिजनेस
फिर भारी-भरकम GST कलेक्शन, लगातार तीसरे माह 1.40 लाख करोड़ की प्राप्ति
नई दिल्ली। सरकार को एक बार फिर भारी-भरकम जीएसटी कलेक्शन प्राप्त हुआ है। मई 2022 के महीने में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 1,40,885 करोड़ रुपये है। इसमें सीजीएसटी 25,036 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 32,001 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 73,345 करोड़ रुपये और उपकर 10,502 करोड़ रुपये शामिल है।
एक साल पहले क्या था हाल
मई 2022 का कलेक्शन पिछले वर्ष के इसी महीने में 97,821 करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व से 44 फीसदी अधिक है। बहरहाल, जीएसटी कलेक्शन का बढ़ना अच्छे संकेत हैं। यह खबर ऐसे समय आई है जब केंद्र सरकार ने बीते 31 मई को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 86912 करोड़ रुपये का जीएसटी क्षतिपूर्ति भी जारी किया है।
लगातार तीसरे माह 1.40 लाख करोड़
GST लागू होने के बाद से चौथी बार है जब कलेक्शन 1.40 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है। वहीं, मार्च 2022 से लगातार तीसरा महीना है जब कलेक्शन ने इस स्तर को पार किया है। बता दें कि साल 2017 में जीएसटी लागू किया गया था।
अप्रैल में टूटे थे सारे रिकॉर्ड
बीते अप्रैल माह में जीएसटी कलेक्शन के सारे रिकॉर्ड टूट गए थे। अप्रैल 2022 में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपये का रहा, जो अब तक का सर्वाधिक है। यह पहली बार था जब जीएसटी कलेक्शन 1.50 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
प्रादेशिक
सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज
नई दिल्ली। घरेलू बाजारों सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 214.08 अंक फिसलकर 79,003.97 अंक पर और एनएसई निफ्टी 63.8 अंक की गिरावट के साथ 23,887.90 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईटीसी, लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचडीएफसी बैंक के शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहे। टाइटन, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और मारुति के शेयरों में तेजी आई।
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा जबकि हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कम्पोजिट और जापान का निक्की फायदे में रहे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72.38 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,224.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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