प्रादेशिक
दो महिलाएं फिर बनीं आदमखोर बाघ का शिकार, अब तक 9 की ले चुका है जान
बगहा (बिहार)। बिहार के बगहा में एक आदमखोर बाघ कई महीनों से लोगों की जान ले रहा है। आज भी यहां के गोवर्धन थाना क्षेत्र के बलुआ गांव में वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के इस बाघ ने फिर दो महिलाओं को अपना शिकार बनाया है। आज की घटना को लेकर 9 माह के भीतर अब तक कुल 9 लोगों को आदमखोर बाघ ने तक अपना शिकार बना लिया है। 3 दिनों के अंदर बाघ ने 4 जाने ली हैं।
आज बाघ के हमले में मृत की पहचान बलुआ गांव के सिमरिकी देवी पत्नी स्व. बहादुर यादव एवं उसका बेटा शिवम कुमार और बबिता देवी (25) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि काफी संख्या में ग्रामीण गन्ना के खेत में घेरा बनाकर कर बाघ को खोज कर रहे है।
बाघ के आतंक को देखते हुए वन विभाग के अनुरोध पर एनटीसीए ने बाघ को मारने की अनुमति दी है। जिसके लिए डीएम ने भी वन विभाग से बाघ को मारने के लिए पत्र दिया था। कल शुक्रवार को प्रमंड- एक डीएफओ प्रद्युमन गौरव ने बताया कि बाघ को मारने की आदेश जारी हो गए हैं। पैदल ट्रैकिंग कर उसका लोकेशन पता किया जाएगा फिर उसे या तो पकड़ा जाएगा या फिर मार दिया जाएगा।
आदमखोर बाघ को मारने की अनुमति मिलने के बाद ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि 24 से 48 घंटे के अंदर वन विभाग राहत की खबर सुनाएगी लेकिन सारे कयास उल्टे हो गए। 27 दिनों से वन विभाग की 400 संख्या की टीम बाघ को पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाई है।
बाघ को मारने के लिए बिहार के एसटीएफ की भी तैनाती की गई है। बाघ के बार बार लोकेशन बदलने से काफी दिक्कतें आ रही है। आदमखोर बाघ के खौफ से इलाके में ग्रामीण दहशत में जी रहे है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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