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प्रादेशिक

बिहार विधानसभा में मारपीट की नौबत, विपक्ष ने फेंकी कुर्सियां; सदन के बाहर भी भिड़े RJD-BJP विधायक

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fight in Bihar Assembly today

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पटना। बिहार विधानसभा में आज गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी भाजपा ने जबरदस्त हंगामा किया। अध्यक्ष के आसन (वेल) के पास पहुंच जमकर नारेबाजी की। रिपोर्टर टेबल पर कुर्सियां फेंकी गई। उस समय मारपीट की नौबत आ गई, जब भाजपा विधायक जनक सिंह से माकपा विधायक सत्येंद्र यादव इशारे-इशारे में भिड़ गए।

हाथापाई पर आमादा सत्येंद्र यादव गुस्से में वेल में पहुंचना चाह रहे थे। इसी दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान भी बिफरते हुए वेल की ओर बढ़े पर दोनों को मार्शलों ने रोक दिया। सत्ताधारी गठबंधन के कुछ अन्य विधायकों ने भी इन्हें रोका और अप्रिय घटना होने से बच गई। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया।

प्रश्नकाल आरंभ होते ही वेल में आ गया विपक्ष

विधानसभा में प्रश्नकाल जैसे ही आरंभ हुआ कि नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और विधायक प्रेम कुमार अपनी सीट पर खड़े हो गए। विजय सिन्हा ने कहा कि उन्हें कुछ महत्वपूर्ण बात पर अपनी बात रखने का मौका दिया जाए पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अभी प्रश्नकाल चलेगा।

उन्हें अपनी बात रखने का मौका बाद में दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने अल्पसूचित प्रश्न ले लिया और विधायक डब्ल्यू सिंह को अपनी बात रखने का कहा। इतना सुनना था कि सभी भाजपा विधायक प्ले कार्ड लेकर अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। नारेबाजी शुरू कर दी।

कुर्सी फेंकने वालों पर होगी कार्रवाई

हंगामे के बीच भाजपा विधायकों ने पहले तो रिपोर्टर टेबल को पीटना आरंभ कर दिया। इसके बाद उन्होंने रिपोर्टरों की कुर्सियों को टेबल पर फेंकना शुरू किया। वेल में पहुंचे मार्शलों ने इसे रोका। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी गुस्से में आ गए।

उन्होंने अपने अधिकारियों को कहा कि कुर्सी फेंक रहे और टेबल पीट रहे लोगों का नाम नोट कीजिए। सभी पर हर हाल में कार्रवाई होगी। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने पहले 12 बजे तक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की और जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो भोजनावकाश तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया।

हम लोगों को बोलने नहीं दिया गया, पूरी तरह से अराजकता

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने हंगामे की वजह के बारे में बताया कि वे लोग सरकार द्वारा लाए गए आरक्षण के पक्ष में थे। भाजपा ने इसमें कुछ संशोधन दिया था। इसी तरह दलित सरकारी कर्मियों की प्रोन्नति के संबंध में भी वह कुछ कहना चाहते थे पर बोलने नहीं दिया गया। पूरी तरह से अराजकता है।

विपक्ष के अंदाज पर आया गुस्सा

माकपा विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि उन्हें विपक्ष के अंदाज पर गुस्सा आ गया। विपक्ष सदन में सवाल पूछने का मौका बाधित कर रहा। इसी गुस्से में वह आगे बढ़ गए थे। हैरानी की बात तो यह है कि विधानसभा के बाहर भी बीजेपी और आरजेडी विधायकों में नोक-झोंक हुई। यह बहस आरक्षण के मुद्दे पर हुई।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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