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नेशनल

देश में हुई कोयले की किल्लत, बिजली मंत्रालय ने बताई वजह

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भारत कोयला संकट से जूझ रहा है और राष्ट्रीय राजधानी और देश के बाकी हिस्सों में चीजें गंभीर दिखने लगी हैं। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने कोयले के भंडार में कमी के चार कारण सूचीबद्ध किए हैं। बिजली मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि भी संकट के कारणों में से एक है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि ‘कोयला मंत्रालय के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालयी उप-समूह सप्ताह में दो बार कोयला स्टॉक की स्थिति की निगरानी कर रहा है।’

रिलीज़ में कहा गया कि ‘बिजली संयंत्र में कोयले के स्टॉक की कमी के चार कारण हैं, अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि; सितंबर 2021 के दौरान कोयला खदान क्षेत्रों में भारी बारिश से कोयला उत्पादन और खदानों से कोयले के प्रेषण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा; आयातित कोयले की कीमतों में अभूतपूर्व उच्च स्तर तक वृद्धि के कारण आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बिजली उत्पादन में पर्याप्त कमी आई है जिससे घरेलू कोयले पर अधिक निर्भरता हुई है; मानसून की शुरुआत से पहले पर्याप्त कोयला भंडार का निर्माण न करना।’

बिजली मंत्रालय ने बताई कोयले की किल्लत की चार अहम वजहें

बिजली मंत्रालय ने ये भी बताया कि ‘कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश की कोयला कंपनियों के भारी बकाया के पुराने मुद्दे भी हैं। कोयला स्टॉक के प्रबंधन और कोयले का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय ने 27 अगस्त को एक कोर मैनेजमेंट टीम (सीएमटी) का गठन किया। टीम में दैनिक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एमओपी, सीईए, पोसोको, रेलवे और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के प्रतिनिधि शामिल हैं।’

सीएमटी ने 9 अक्टूबर को हुई मीटिंग में हालातों का जाएज़ा लिया। रिलीज़ में ये भी जानकारी दी गई कि ‘यह नोट किया गया था कि 7 अक्टूबर को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा कोयले का कुल प्रेषण 1.501 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जिससे खपत और वास्तविक आपूर्ति के बीच का अंतर कम हो गया। कोयला मंत्रालय और सीआईएल ने आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिनों में बिजली क्षेत्र में डिस्पैच को बढ़ाकर 1.6 एमटी प्रति दिन करने के लिए सर्वोत्तम प्रयास कर रहे हैं और उसके बाद प्रति दिन 1.7 एमटी को छूने का प्रयास कर रहे हैं। इससे निकट भविष्य में बिजली संयंत्र में कोयले के भंडार के क्रमिक निर्माण में मदद मिलने की संभावना है। कोयले की आपूर्ति, साथ ही परिणामी बिजली की स्थिति में सुधार होने की संभावना है।’

उत्तर प्रदेश

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

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