उत्तर प्रदेश
हमलावरों ने ऐसे बनाया अतीक के मर्डर का प्लान, बनना चाहते थे बड़ा माफिया
लखनऊ। शनिवार की देर रात यूपी के माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की सरेआम पुलिस की मौजूदगी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद यूपी में धारा 144 लागू कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस मौजूद है।
वहीं इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। उनसे पूछताछ कली जा रही है। पूछताछ में इन आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। आरोपियों ने बताया है कि आखिर किस तरह उन्होंने अतीक की हत्या का प्लान बनाया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपियों ने अब तक की पूछताछ में ये खुलासा किया है कि उन्होंने अतीक की हत्या की योजना कस्टडी के अंदर ही बनाई। हालांकि इसके लिए हथियार वो पहले ही लेकर आए थे। बस उन्हें अंदर एंट्री चाहिए थी। इसके लिए उन्होंने एक नया माइक अरेंज किया।
इस माइक के सहारे एंट्री करना आसान हो गया। बस फिर क्या था जैसे अतीक के करीब आने का मौका मिला हमने गोलियां बरसाकर अतीक का अंत कर दिया। तीनों आरोपियों का नाम लवलेश, सन्नी और अरुण बताया जा रहा है।
सबसे बड़ी बात जो पता चली है वो है कि आरोपियों ने प्वाइंट ब्लैंक रेंज से अतीक और अशरफ को गोली मारी थी। गोली मारने के एक साथ बर्स्ट फायर हुआ इसलिए हत्या में आधुनिक हथियारों के इस्तेमाल की बात सामने आ रही है।
तीनों शूटर्स ये अत्याधुनिक हथियार कहां से लाए इसकी जांच जारी है। टारगेट किलिंग की तरह मर्डर किया गया है। अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। कहां-कहां और किस तरह के मामले दर्ज हैं इसकी डिटेल ली जा रही है।
पूछताछ में आरोपी बता रहे हैं कि वो बड़ा माफिया बनना चाहते थे इसलिए इस वारदात को अंजाम दिया है। आरोपियों ने बताया कि कब तक छोटे-मोटे शूटर बने रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है, इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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