Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

दीपोत्सव पर रामनगरी में इस बार जगमगाएंगे रिकॉर्ड 21 लाख दीये, वर्चुअल जुड़ेंगे लोग

Published

on

ayodhya deepotsav

Loading

अयोध्या/लखनऊ। रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। हर बार की तरह इस बार भी दिव्य और भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा। योगी सरकार के सातवें दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की योजना है। इस बार हर बार से अधिक 21 लाख दीयों से रामनगरी जगमग होगी। इसमें प्रतिभाग करने के लिए लोगों को वर्चुअली जोड़ा जाएगा।

इस बार 21 लाख दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। वहीं इस बार घर बैठे लोग वर्चुअल रूप से दीपोत्सव से जुड़ सकेंगे। यह निर्णय राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के पत्र के बाद लिया गया है।

प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने अयोध्या के अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। बैठक में अयोध्या मंडलायुक्त गौरव दयाल, डीएम नीतीश कुमार व क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रमुख सचिव से जुड़े।

वर्चुअल बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा की ओर से प्रमुख सचिव पर्यटन को लिखे गए पत्र पर चर्चा की गई। जिसमें सातवां दीपोत्सव वर्चुअल मनाने के लिए कहा गया था।

बैठक में तय हुआ कि दीपोत्सव इस बार वर्चुअल भी मनाया जाएगा। इसके जरिए इस उत्सव से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि इस बार नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है।

राम की पैड़ी सहित पूरी अयोध्या में 21 लाख दिए जलाने का योगी सरकार का लक्ष्य है। दीपोत्सव की शुरुआत 2017 में हुई थी, यह सातवां दीपोत्सव होगा। हर दीपोत्सव में अयोध्या ने दीप जलाने का रिकॉर्ड  बनाया है, इस बार भी रिकॉर्ड  बनेगा।

दीपोत्सव पर इस तरह बने रिकॉर्ड

वर्ष- दीप संख्या

2017- 18,7213

2018- 30,1152

2019- 40,4026

2020-60,6569

2021-94,1551

2022-15,76,995

एप के जरिए जुड़ सकेंगे लोग

पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि एक एप बनाया जाएगा जिससे लोगों को आसानी से जोड़ा जाएगा। जो लोग एप के माध्यम से दीपोत्सव कार्यक्रम से जुड़ेंगे उनको एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। दीप जलाने के बाद जो लोग दीये लेना चाहें उस दीये का शुल्क 11 व 21 रुपये रखा जाएगा। जो लोग ऑनलाइन पेमेंट करेंगे उनको दीये के साथ प्रसाद भी दिया जाएगा।

आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

Published

on

Loading

महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

Continue Reading

Trending