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आध्यात्म

दीपोत्सव पर रामनगरी में इस बार जगमगाएंगे रिकॉर्ड 21 लाख दीये, वर्चुअल जुड़ेंगे लोग

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अयोध्या/लखनऊ। रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। हर बार की तरह इस बार भी दिव्य और भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा। योगी सरकार के सातवें दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की योजना है। इस बार हर बार से अधिक 21 लाख दीयों से रामनगरी जगमग होगी। इसमें प्रतिभाग करने के लिए लोगों को वर्चुअली जोड़ा जाएगा।

इस बार 21 लाख दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। वहीं इस बार घर बैठे लोग वर्चुअल रूप से दीपोत्सव से जुड़ सकेंगे। यह निर्णय राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के पत्र के बाद लिया गया है।

प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने अयोध्या के अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। बैठक में अयोध्या मंडलायुक्त गौरव दयाल, डीएम नीतीश कुमार व क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रमुख सचिव से जुड़े।

वर्चुअल बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा की ओर से प्रमुख सचिव पर्यटन को लिखे गए पत्र पर चर्चा की गई। जिसमें सातवां दीपोत्सव वर्चुअल मनाने के लिए कहा गया था।

बैठक में तय हुआ कि दीपोत्सव इस बार वर्चुअल भी मनाया जाएगा। इसके जरिए इस उत्सव से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि इस बार नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है।

राम की पैड़ी सहित पूरी अयोध्या में 21 लाख दिए जलाने का योगी सरकार का लक्ष्य है। दीपोत्सव की शुरुआत 2017 में हुई थी, यह सातवां दीपोत्सव होगा। हर दीपोत्सव में अयोध्या ने दीप जलाने का रिकॉर्ड  बनाया है, इस बार भी रिकॉर्ड  बनेगा।

दीपोत्सव पर इस तरह बने रिकॉर्ड

वर्ष- दीप संख्या

2017- 18,7213

2018- 30,1152

2019- 40,4026

2020-60,6569

2021-94,1551

2022-15,76,995

एप के जरिए जुड़ सकेंगे लोग

पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि एक एप बनाया जाएगा जिससे लोगों को आसानी से जोड़ा जाएगा। जो लोग एप के माध्यम से दीपोत्सव कार्यक्रम से जुड़ेंगे उनको एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। दीप जलाने के बाद जो लोग दीये लेना चाहें उस दीये का शुल्क 11 व 21 रुपये रखा जाएगा। जो लोग ऑनलाइन पेमेंट करेंगे उनको दीये के साथ प्रसाद भी दिया जाएगा।

आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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