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प्रादेशिक

जयपुर के 6 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, सर्च ऑपरेशन में नहीं मिली कोई संदिग्ध वस्तु

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नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर के बाद जयपुर के 6 से ज्यादा स्कूलों को बम उड़ाने की धमकी मिली है। स्कूल के प्रिंसिपल को मेल के जरिए धमकी मिली है। पुलिस की टीम और बम निरोधक दस्ता मौके पर मौजूद है। मोती डंगरी स्थित एमपीएस स्कूल को सबसे पहले मेल मिला था। इसके अलावा महेश्वरी स्कूल, विद्या आश्रम, निवारू रोड सेंट टेरेसा सहित अन्य स्कूलों में मेल आया। सूचना के बाद पुलिस, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस, एटीएस की टीम मौके पर पहुंची है और स्कूल को खाली करवाया गया है। अभी तक सर्च ऑपरेशन में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।

एक अज्ञात व्यक्ति ने स्कूलों के प्रिंसिपल को ईमेल भेजा, जिसमें लिखा कि आज स्कूल की बिल्डिंग को बम से उड़ा दिया जाएगा। आनन-फानन में ईमेल की सूचना पुलिस विभाग को दी गई। पुलिस टीमें बम निरोधक दस्ते के साथ मौके पर पहुंची। एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी आईं। बच्चों को उनके मां-बाप को बुलाकर उनके साथ घर भेज दिया गया।

बता दें कि बीते दिन भी राजस्थान के जयपुर में तिलक नगर स्थित MPS स्कूल को धमकी मिली थी। स्कूल के ऑफिशियल मेल आईडी पर बिल्डिंग को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। बगरू स्थित MPS, माणक चौक, विद्याधर नगर, वैशाली नगर, निवारू रोड स्थित स्कूलों और मालपुरागेट बम्बाला पुलिया स्थित स्कूल को भी धमकी भरे ईमेल पहुंचे।

जानकारी मिलते ही मोती डूंगरी पुलिस और आदर्श नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। डॉग और बम स्कवाड की टीमों ने कोना-कोना खंगाला, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। हालांकि अब गर्मियों की छुट्टियां पड़ गई हैं, लेकिन स्कूल में स्टाफ आता रहेगा। इनके अलावा दिल्ली के 2 सरकारी अस्पतालों समेत IGI एयरपोर्ट, अहमदाबाद, लखनऊ, अगरतला, पटना, गुवाहाटी, जम्मू, औरंगाबाद, जयपुर,कालीकट, बागडोगरा के एयरपोर्ट को भी उड़ाने की धमकी मिली थी।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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