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हैदराबाद से लश्कर के तीन आतंकी गिरफ्तार, साजिश रचने का आरोप

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हैदराबाद

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हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में आतंकवादी हमले की साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके कब्जे से चार हथगोले, 5 लाख 41 हजार 800 रुपये की नकद , 5 मोबाइल फोन और एक मोटरसाइकिल जब्त की है।

संदेह है कि ये तीनों पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैएबा से जुड़े हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों संदिग्धों पर संघ और भाजपा नेताओं पर हमले के भी आरोप लगे हैं। हालांकि उन्होंने स्टेट काउंटर-इंटेलिजेंस सेल और स्पेशल टास्क फोर्स के सामने जो बयान दिए हैं, उसमें इसका जिक्र नहीं है।

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पुलिस के बयान के मुताबिक, मलकपेट के अब्दुल जाहिद ने पाकस्तिान स्थित आईएसआई के साथ पुराने सहयोगियों के साथ विस्फोटों और अन्य आतंकी कृत्यों की साजिश रचने के लिए फिर संपर्क बनाए। वह पहले भी हैदराबाद में आतंकवाद से संबंधित कई मामलों में शामिल था।

जाहिद को मिली थी 4 हथगोलों की खेप

बयान में कहा गया कि जाहिद को चार हथगोले की खेप मिली थी और वह हैदराबाद में सनसनीखेज आतंकी हमले करने जा रहा था। पुलिस की एक टीम ने तत्परता से कार्रवाई की और अकबर बाग के अब्दुल जाहिद, सैयदाबाद के मोहम्मद, समीरुद्दीन और हुमायूं नगर, मेहदीपट्टनम के माज हसन फारूक को गिरफ्तार कर लिया।

जाहिद पहले भी आतंकी मामलों में रहा शामिल

शुरुआती जांच में सामने आया कि अब्दुल जाहिद पहले भी हैदराबाद में कई आतंकवाद से संबंधित मामलों में शामिल था, जिसमें 2005 में बेगमपेट में हैदराबाद सिटी पुलिस कमश्निर के टास्क फोर्स कार्यालय पर आत्मघाती हमला भी शामिल है। वह पाकस्तिानी आईएसआई और एलइटी के आकाओं से लगातार संपर्क में था।

हैदराबाद से पाकिस्तान भागे तीन आतंकी

जांच में यह भी सामने आया कि कई आतंकी मामलों में वांछित और हैदराबाद शहर के मूल निवासी फरहतुल्ला गोरी, सिद्दीकी बिन उस्मान और अब्दुल मजीद फरार हो गए थे। ये तीनों पाकिस्तान में बस गए और अब आईएसआई के आकाओं के मातहत काम कर रहे हैं। पुलिस टीम आरोपियों से पूछताछ के आधार पर आगे का ऐक्शन लेगी।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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