उत्तर प्रदेश
उप्र विधानसभा सत्र का आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण, लागू होगी नई नियमावली
लखनऊ। उप्र विधानसभा के मानसून सत्र का आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण है। आज एक ओर जहां नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का संबोधन होगा, वहीं दूसरी ओर यूपी विधानसभा में कामकाज और विधायकों के तौर तरीकों को लेकर नई नियमावली लागू की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का सदन में संबोधन 12.30 बजे होगा नेता प्रतिपक्ष महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोलेंगे, जबकि नेता सदन CM योगी आदित्यनाथ 1.10 बजे अपनी बात रखेंगे और सरकार की उपलब्धियों के आंकड़े प्रस्तुत करेंगे।
आज का दिन एक और वजह से ऐतिहासिक होगा क्योंकि सदन में विधायकों के व्यवहार को लेकर यूपी विधानसभा की 1958 नियमावली में संशोधन करते हुए नई नियमावली उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली 2023 लागू की जा रही है।
क्या है विधानसभा की नई नियमावली
झंडे, बैनर, मोबाइल सदन में नहीं ले जा सकेंगे विधायक
अध्यक्ष के आसन के पास भी जाने पर रहेगी रोक
सदन की कार्यवाही से ऑनलाइन जुड़ सकेंगे विधायक
विधानसभा की कार्यवाही को ऑनलाइन किया जाएगा
नई नियमावली में सत्र संचालन के विषय में बदलाव
सत्र बुलाने के लिए अब नोटिस अवधि 7 दिन होगी
नए नियम में अध्यक्ष को पीठ नहीं दिखा सकेंगे विधायक
सदन की कार्यवाही के समय दस्तावेज फाड़ने पर रोक
विधायकों के तेज हंसने पर रोक
अखबारों की कटिंग या पोस्टर दिखाने पर रोक
कोई विधायक अध्यक्ष के आसन के पास नहीं जाएंगे
कोई कागज फाड़ कर भी विरोध नहीं जता सकता
झंडे, प्रतीक या अन्य वस्त्र से सदस्य प्रदर्शन नहीं कर सकते
सदन में प्रभाव डालने के लिए सदस्य राज्यपाल या किसी अधिकारी का नाम नहीं लेंगे
नई नियमावली लागू होने के बाद यूपी विधानसभा कई बातों को लागू करने के मामले में देश की पहली विधानसभा बन जाएगी। साथ ही ई-विधान लागू करने वाली भी पहली विधानसभा बन जाएगी। ई-विधान लागू होने के बाद विधायक कहीं से भी सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में विधायक अपनी कार से, घर से या दफ्तर से भी विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं।
सदन में नई नियमावली पेश करने के दौरान विपक्ष ने इसका काफी विरोध किया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नई नियमावली को लेकर चर्चा हुई है। आज शुक्रवार को इसे सदन में पारित किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी की पहल पर आयोग का फैसला, एक ही दिन होगी पीसीएस (प्रा.) परीक्षा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आगामी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इस निर्णय से प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों को राहत मिली है।
छात्रों के हित में सीएम योगी की पहल
पिछले कुछ दिनों से पीसीएस और अन्य चयन परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एकाधिक पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर आवश्यक निर्णय ले। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन
मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।
चयन परीक्षाओं की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान
आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी कारण, आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
छात्रों को मिलेगा फायदा
इस फैसले से लाखों छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही, आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर है और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस त्वरित निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
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