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उत्तर प्रदेश

उप्र विधानसभा सत्र का आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण, लागू होगी नई नियमावली

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After 66 years UP Assembly session will be conducted with new rules

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लखनऊ। उप्र विधानसभा के मानसून सत्र का आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण है। आज एक ओर जहां नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का संबोधन होगा, वहीं दूसरी ओर यूपी विधानसभा में कामकाज और विधायकों के तौर तरीकों को लेकर नई नियमावली लागू की जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का सदन में संबोधन 12.30 बजे होगा नेता प्रतिपक्ष महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोलेंगे, जबकि नेता सदन CM योगी आदित्यनाथ 1.10 बजे अपनी बात रखेंगे और सरकार की उपलब्धियों के आंकड़े प्रस्तुत करेंगे।

आज का दिन एक और वजह से ऐतिहासिक होगा क्योंकि सदन में विधायकों के व्यवहार को लेकर यूपी विधानसभा की 1958 नियमावली में संशोधन करते हुए नई नियमावली उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली 2023 लागू की जा रही है।

क्या है विधानसभा की नई नियमावली

झंडे, बैनर, मोबाइल सदन में नहीं ले जा सकेंगे विधायक

अध्यक्ष के आसन के पास भी जाने पर रहेगी रोक

सदन की कार्यवाही से ऑनलाइन जुड़ सकेंगे विधायक

विधानसभा की कार्यवाही को ऑनलाइन किया जाएगा

नई नियमावली में सत्र संचालन के विषय में बदलाव

सत्र बुलाने के लिए अब नोटिस अवधि 7 दिन होगी

नए नियम में अध्यक्ष को पीठ नहीं दिखा सकेंगे विधायक

सदन की कार्यवाही के समय दस्तावेज फाड़ने पर रोक

विधायकों के तेज हंसने पर रोक

अखबारों की कटिंग या पोस्टर दिखाने पर रोक

कोई विधायक अध्यक्ष के आसन के पास नहीं जाएंगे

कोई कागज फाड़ कर भी विरोध नहीं जता सकता

झंडे, प्रतीक या अन्य वस्त्र से सदस्य प्रदर्शन नहीं कर सकते

सदन में प्रभाव डालने के लिए सदस्य राज्यपाल या किसी अधिकारी का नाम नहीं लेंगे

नई नियमावली लागू होने के बाद यूपी विधानसभा कई बातों को लागू करने के मामले में देश की पहली विधानसभा बन जाएगी। साथ ही ई-विधान लागू करने वाली भी पहली विधानसभा बन जाएगी। ई-विधान लागू होने के बाद विधायक कहीं से भी सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में विधायक अपनी कार से, घर से या दफ्तर से भी विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं।

सदन में नई नियमावली पेश करने के दौरान विपक्ष ने इसका काफी विरोध किया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नई नियमावली को लेकर चर्चा हुई है। आज शुक्रवार को इसे सदन में पारित किया जायेगा।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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