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अन्तर्राष्ट्रीय

टोक्यो: इंडो-पैसेफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क होगा लॉन्च, चीन को घेरने का है प्लान

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टोक्यो। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इंडो-पैसेफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क को लॉन्च करने का ऐलान किया है। इससे जुड़ा एक इवेंट आज क्वाड समिट से पहले जापान की राजधानी टोक्यो में होने वाला है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे।

इस फ्रेमवर्क में जापान और अमेरिका समेत दुनिया के 13 देश शामिल होंगे। जो बाइडेन ने इसे लेकर कहा कि इसके जरिए हम 21वीं सदी में पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों से निपट सकेंगे। इसके अलावा इंडो पैसेफिक रीजन में अपने सहयोगी देशों के साथ आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हो सकेगी।

कहा जा रहा है कि इस संगठन के जरिए डिजिटल इकॉनमी, सप्लाई चेन, कार्बन उत्सर्जन में कमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य जरूरी मुद्दों पर साझा प्रयास किए जाएंगे।

पहली बार बाइडेन ने ही की थी बात

जो बाइडेन ने पहली बार अक्टूबर 2021 में इस संबंध में बात की थी। इसका प्रस्ताव अमेरिकी कांग्रेस रिसर्च सर्विस ने फरवरी में तैयार किया गया था। इसमें कहा गया है कि इंडो पैसेफिर इकनॉमिक फ्रेमवर्क एक परंपरागत ट्रेड अग्रीमेंट नहीं होगा।

इसके जरिए कारोबार की नीतियों, सप्लाई चेन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और कार्बन उत्सर्जन जैसे मसलों पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा टैक्स और ऐंटी-करप्शन के मसले पर भी बात की जाएगी।

इसके तहत सदस्य देशों को इस मॉड्यूल के साथ जुड़ना होगा। हालांकि उनके लिए संगठन के तहत तय हर मसले पर सहभागिता लेना जरूरी नहीं होगा।

चीन को घेरने का अमेरिका ने बनाया प्लान

जानकारों का कहना है कि इस संगठन के जरिए अमेरिका एक बार फिर से भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अपने सहयोगियों के बीच साख स्थापित करना चाहता है। दरअसल पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौर में ट्रांस पैसेफिक पार्टनरशिप को वापस ले लिया गया था।

इसके बाद से ही अमेरिका एशियाई देशों से आर्थिक तालमेल की कमी महसूस कर रहा था। वहीं चीन लगातार आक्रामक है और उसके इकनॉमिक वारफेयर को लेकर भी अमेरिका चिंतित है।

ऐसे में उसकी काट के लिए उसने यह फ्रेमवर्क तैयार किया है। इस संगठन का चीन हिस्सा नहीं है। फिलहाल जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मंगोलिया, सिंगापुर, ताइवान जैसे देश इसका हिस्सा होंगे। भारत के भी इसमें शामिल होने की अटकलें हैं।

अब तक भारत ने इस पर नहीं की है कोई टिप्पणी

बता दें कि इसी सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इस संगठन को 21वीं सदी की आर्थिक व्यवस्था करार दिया था। उनका कहना था कि हम ट्रेड के नियमों को तय कर सकेंगे।

जापान ने इस संगठन का स्वागत किया था, लेकिन भारत ने इस पर टिप्पणी नहीं की थी। अब जाकर भारत ने इस पर सहमति दी है और इससे जुड़े एक कार्यक्रम में आज पीएम नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

लेबनान में हिजबुल्लाह के टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या

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हिजबुल्लाह के एक टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या कर दी गई है। हमादी की हत्या लेबनान के पश्चिमी बेका क्षेत्र में की गई है। दो वाहनों पर आए बंदूकधारियों ने शेख मोहम्मद हमादी पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह अपने घर के बाहर खड़ा था। इस हमले में हमादी को कई गोलियां लगी थीं।

स्थानीय प्रशासन कर रहा है जांच

घायल हालत में हमादी को तुरंत ही पास के शहर सोहमोर के अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अज्ञात हमलावर गोलीबारी के बाद फरार हो गए, स्थानीय प्रशासन घटना की जांच कर रहा है। अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। कुछ रिपोर्ट्स में इस हत्या के पीछे इजरायल का हाथ बताया जा रहा है तो कोई इसे पारिवारिक झगड़े से जोड़कर देख रहा है।

एफबीआई को थी हमादी की तलाश

शेख हमादी की हत्या के बाद लेबनानी सेना इलाके की घेराबंदी कर दी है। हमलावरों की तलाश में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हमादी की हत्या ऐसे समय हुई है जब इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम चल रहा है। एफबीआई को भी हमादी की तलाश थी। वह 1985 में वेस्ट जर्मन प्लेन को हाइजैक करने के मामले में वॉन्टेड था।

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