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प्रादेशिक

‘जो पियेगा वो मरेगा’ कहने वाले नीतीश कुमार का यू-टर्न, मुआवजे के लिए फंड अलॉट

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Nitish Kumar

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पटना। शराब पीने को लेकर दिए गए अपने एक बयान से सीएम नीतीश कुमार ने यू-टर्न ले लिया है। बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए 2.1 करोड़ रुपए का एलॉटमेंट हो गया। नालंदा और पर्वी चंपारण जिले के 53 पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपए सहायता राशि दी जाएगी।

2022 में बिहार विधानसभा में दिए गए अपने बयान ‘अगर कोई शराब पियेगा और गड़बड़ पियेगा तो वो मरेगा। अगर कोई शराब पीकर मर जाता है, तो उसके प्रति दया नहीं रखनी चाहिए। लोगों को शराब पीने से मना करना चाहिए’ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब पलटते नजर आ रहे हैं । नीतीश सरकार ने इस साल नालंदा और पूर्वी चंपारण जिलों में जहरीली शराब पीने से मरने वाले 53 लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा देने के प्रयास शुरू कर दिया है।

बिहार जहरीली शराब मुआवजा के लिए फंड एलॉट

बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि सरकार जहरीली शराब से हुई 53 मौतों के पीड़ितों के परिजनों को कुल 2.1 करोड़ रुपए का मुआवजा देगी। एक बयान में कहा गया कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की रिपोर्ट पहले ही तैयार की जा चुकी है और पैसा जल्द ही बांट दिया जाएगा।

बेतिया और नालंदा के पीड़ितों से मुआवजे की शुरुआत

गौरतलब है कि इस साल 14-15 अप्रैल को पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया, पहाड़पुर, हरसिद्धि और सुगौली पुलिस स्टेशनों में चार मामले दर्ज किए गए थे, वहां रहस्यमय परिस्थितियों में 41 लोगों की मौत हो गई थी। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टि हुई थी।

पिछले साल 15 जनवरी को नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में 12 लोगों की मौत हो गई थी। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टि हुई थी। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने कहा कि अन्य जिलों में भी प्रभावित परिवारों को एक-एक करके मुआवजा मिलेगा। सभी को बारी-बारी से मिलेगा।

अप्रैल में हुआ था ‘हृदय परिवर्तन’

अप्रैल 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी। सीएम नीतीश ने शुरू में शोक संतप्त परिवारों को मुआवजे की भाजपा और वाम दलों की मांग को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि जो पिएगा, सो मरेगा (जो शराब पीएगा वह मर जाएगा)। हालांकि, इस साल अप्रैल में उनका हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने कहा कि अगर मृतकों के परिवार जहरीली शराब से हुई मौत के पुख्ता सबूत पेश करेंगे और शराब के स्रोत का खुलासा करेंगे तो मुआवजा दिया जाएगा।

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बिहार

बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर लगी रोक, शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान

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पटना। बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी को स्थगित कर दिया गया है। सरकार ने यह फैसला पटना हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद लिया। दरअसल, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मंगलवार यानी आज ही टीचर्स की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर स्टे लगा दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने पॉलिसी को स्थगित करने का फैसला किया।

शिक्षा मंत्री ने कही ये बात

बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में जल्द ही आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार तबादला नीति में संशोधन कर सकती है। जरुरत पड़ी तो नई दबादला नीति भी लेकर सरकार आएगी।

मंत्री बोले- शिक्षकों के हित में होगी पॉलिसी

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के इस फैसले का पटना हाई कोर्ट के आदेश से कोई संबंध नहीं है। सरकार ने सोमवार को ही शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को स्थगित करने का फैसला किया था। सुनील कुमार ने यह भी कहा कि आगे जो भी नीति लाई जाएगी वह टीचरों की हित में होगी। मौजूदा पॉलिसी में कई व्यवहासिक दिक्कतें हैं, जिसे जल्द ही दूर किया जाएगा।

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