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अन्तर्राष्ट्रीय

UAE ने मांगा दुबई में छिपे महाठग राशिद नसीम के अपराधों का ब्योरा, प्रत्यर्पण की कवायद तेज

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ED's swift action in Shine City scam

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के महाठग साइन सिटी के निदेशक राशिद नसीम के प्रत्यर्पण की कवायद तेज हो गई है। UAE (संयुक्त अरब अमीरात) की ओर से भगोड़े राशिद नसीम के अपराधों का ब्योरा मांगा है। अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW)की तरफ से यूएइ के पत्राचार के जवाब तैयार किया जा रहा है। EOW की ओर से विदेश मंत्रालय के जरिए दुबई में छुपकर बैठने वाले राशिद नसीम के प्रत्यर्पण के संबंध में पत्राचार चल रहा है।

सूत्रों के अनुसार इसी संबंध में अब UAE ने मांगा है कि राशिद नसीम के खिलाफ कितने, कहां-कहां और कितने पैसों की ठगी का केस दर्ज है। इसके अलावा राशिद नसीम की केसों में कितनी भूमिका मिली है। इतना ही नहीं राशिद के पारिवारीजन और करीबियों के आपराधिक ब्योरा भी मांगा है। बता दे मामले में राशिद की पत्नी, भाई सहित अन्य करीबियों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। ये आरोपित अभी जेल में बंद हैं।

पहले भी UAE ने अरबी में पत्राचार को भेजा था पत्र

वर्ष 2022 में इस संबंध में EOW ने शासन के जरिये विदेश मंत्रालय से राशिद नसीम के प्रत्यर्पण के लिए UAE से पत्राचार किया था। उसके बाद विदेश मंत्रालय ने UAE सरकार को पत्र भेजा था। पत्र में UAE सरकार को राशिद नसीम का पासपोर्ट निरस्त करते हुए भारत के सुपुर्द करने के लिए कहा गया था।यह पत्राचार अंग्रेजी में किया गया था।

इसके बाद UAE सरकार की ओर से जवाब आया था कि इस पत्राचार को अरबी में किया जाए। इसके बाद EOW की ओर से शासन के जरिए उसी पत्र को अरबी में ट्रांसलेट करवाकर UAE भेजा गया था। अभी तक राशिद के प्रत्यार्पण की कवायद जारी है।

दुबई में कारोबार में नया पार्टनर बना कारोबार भी बढ़ाया

महाठग राशिद नसीम ने दुबई जाकर खुद को ग्लोबल ब्रांड घोषित कर दिया था। पहले से दुबई से राशिद कई देशों में हीरे-सोने का व्यापार करता आया है। सूत्रों के अनुसार अभी उसने दुबई में हीरे-सोने के एक बड़े कारोबारी को अपना पार्टनर बनाया है।

अभी हाल ही में यह जानकारी भी EOW की खुफिया टीम ने हासिल किया है। बता दे कि वर्ष 2018 में उसने यूएसए, लंदन, न्यूजीलैंड, कनाडा, डेनमार्क, स्वीडन, आयरलैंड, हांगकांग, सिंगापुर, नार्वे, स्विट्ज़रलैंड, फिनलैंड, मलेशिया, जार्जिया देशों में अपनी कम्पनियां शुरू करने का ऐलान किया था।

60 हजार करोड़ से अधिक ठगी, 50 से अधिक लोग गिरफ्तार

लोगों को प्लाट, रुपये दोगुना करने, सोने और हीरे में निवेश कराने एवं अन्य लुभावनी योजनाओं में फंसाकर 60 हजार करोड़ से अधिक की ठगी करने का आरोप है। राशिद नसीम की पत्नी और भाई समेत उसकी कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी समेत करीब 50 आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी हैं।

महाठग के खिलाफ देश भर में पांच हजार से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। 400 से अधिक मुकदमे तो सिर्फ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही दर्ज हैं। इनकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) कर रही है। इसके अलावा राशिद के खिलाफ ED भी काईवाई कर रही है।

राशिद नसीम प्रयागराज करेली के जीबीटी नगर का रहने वाला था। राशिद को वर्ष 2019 में नेपाल के काठमांडू से गिरफ्तार किया गया था। बाद में नेपाल से उसे जमानत मिल गई थी। इसके बाद वह दुबई भाग गया था। अब सारा माल समेट कर वह दुबई से ठगी का नेटवर्क चला रहा है और जार्जिया की नागरिता लेने की फिराक में है।

राशिद के कर्मचारी ने ही ठगी का किया था राजफाश

डेढ़ साल पहले साल राशिद नसीम की कंपनी में काम करने वाले विजलेश केसरवानी ने पीड़ितों का एक संगठन तैयार किया था। इसके बाद संगठन की ओर से विजलेश ने प्रयागराज हाईकोर्ट में शाइन सिटी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और कंपनी के निदेशक राशिद नसीम के खिलाफ 60 हजार करोड़ से अधिक की ठगी की रिट दायर की थी।

दर्ज मुकदमों का ब्योरा

500 से अधिक मुकदमें गोमतीनगर थाने में

करीब 400 मुकदमें EOW में

455 मुकदमों की कर रही जांच देश के विभिन्न जनपदों में दर्ज मुकदमे

पांच हजार करीब ठगी के शिकार लोग

10 लाख से अधिक इन पर दर्ज हैं मुकदमें

दोनों ठग भाई समेत कंपनी के 50 से अधिकारी और कर्मचारी

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अन्तर्राष्ट्रीय

लेबनान में हिजबुल्लाह के टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या

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हिजबुल्लाह के एक टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या कर दी गई है। हमादी की हत्या लेबनान के पश्चिमी बेका क्षेत्र में की गई है। दो वाहनों पर आए बंदूकधारियों ने शेख मोहम्मद हमादी पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह अपने घर के बाहर खड़ा था। इस हमले में हमादी को कई गोलियां लगी थीं।

स्थानीय प्रशासन कर रहा है जांच

घायल हालत में हमादी को तुरंत ही पास के शहर सोहमोर के अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अज्ञात हमलावर गोलीबारी के बाद फरार हो गए, स्थानीय प्रशासन घटना की जांच कर रहा है। अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। कुछ रिपोर्ट्स में इस हत्या के पीछे इजरायल का हाथ बताया जा रहा है तो कोई इसे पारिवारिक झगड़े से जोड़कर देख रहा है।

एफबीआई को थी हमादी की तलाश

शेख हमादी की हत्या के बाद लेबनानी सेना इलाके की घेराबंदी कर दी है। हमलावरों की तलाश में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हमादी की हत्या ऐसे समय हुई है जब इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम चल रहा है। एफबीआई को भी हमादी की तलाश थी। वह 1985 में वेस्ट जर्मन प्लेन को हाइजैक करने के मामले में वॉन्टेड था।

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