Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

उद्धव ठाकरे का आपत्तिजनक बयान- राज्यपाल को कोल्हापुरी चप्पलें जरूर दिखानी चाहिए

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मराठियों को लेकर की गई टिप्पणी पर अब पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले 2.5 वर्षों में हर चीज का आनंद लिया। उन्होंने महाराष्ट्रियन व्यंजनों का आनंद लिया, अब समय आ गया है कि वह कोल्हापुरी चप्पल भी देखें। कोल्हापुरी चप्पलें विश्व भर में प्रसिद्ध हैं और उन्हें यह जरूर दिखानी चाहिए।

ठाकरे ने आरोप लगाया कि कोश्यारी ने मराठी लोगों का अपमान किया है और उन्होंने यह बयान जानबूझकर दिया था। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि राज्यपाल ने हद पार कर दी है। उन्हें उस कुर्सी का सम्मान करना चाहिए जिस पर वह आसीन हैं। राज्यपाल ने जिस तरह का बयान दिया है उसके बाद तो यह तय किया जाना चाहिए कि उन्हें यहां से वापस भेजना है या जेल भेजना है। राज्यपाल कोश्यारी को मराठी लोगों से माफी मांगनी होगी।

उद्धव ने कहा कि मैं राज्यपाल के पद पर बैठे किसी का अपमान नहीं करना चाहता। मैं कुर्सी का सम्मान करता हूं लेकिन भगत सिंह कोश्यारी ने मराठियों का अपमान किया और लोगों में गुस्सा है। धर्म के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं राज्यपाल, हर हद पार कर रहे हैं।

उद्धव ने आगे कहा कि राज्यपाल राष्ट्रपति का दूत होता है, वह पूरे देश में राष्ट्रपति की बातों को मानता है। लेकिन अगर वह वही गलती करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा? उन्होंने मराठियों और उनके गौरव का अपमान किया है।

क्या था कोश्यारी का बयान

दरअसल, राज्यपाल ने कल शुक्रवार को मुंबई के अंधेरी में  एक कार्यक्रम में बोलते हुए मारवाड़ी गुजराती समुदाय की प्रशंसा की और कहा कि वे जहां भी जाते हैं, अस्पताल, स्कूल आदि बनाकर जगह के विकास में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो महाराष्ट्र के पास कोई पैसा नहीं बचेगा और मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी नहीं कहा जाएगा।

उद्धव ने लगाए और भी कई आरोप

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब लोग कोरोना महामारी से मर रहे थे तब राज्यपाल चाहते थे कि स्थानों या धार्मिक पूजा को फिर से खोल दिया जाए। कोश्यारी ने महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए राज्यपाल के कोटे से 12 नामों को मंजूरी नहीं दी। उन्होंने समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी की।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

Published

on

Loading

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

Continue Reading

Trending