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आनंद मोहन की रिहाई को उमा कृष्णैया ने SC में दी चुनौती, 8 मई को सुनवाई
नई दिल्ली। बिहार के बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। याचिका पर 8 मई को सुनवाई होगी।
इससे पहले, उमा कृष्णैया ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से आनंद मोहन की रिहाई के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इससे अपराधियों के हौसले बुलंद होगे और समाज में एक गलत संदेश जाएगा।
यह है पूरा मामला
बताते चलें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णय्या हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे। जेल में तकरीबन 14 साल से सजा काट रहे आनंद मोहन की लंबे समय बाद रिहाई नीतीश सरकार की पहल के बाद 26 अप्रैल को हुई।
दूसरी ओर आनंद मोहन की रिहाई के लिए जेल नियमों में हुए बदलाव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने भी याचिका दायर की है।
पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना को निरस्त करने के लिए लोकहित याचिका दायर की गई है, जिसके तहत बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481 (i) (क) में संशोधन कर ‘ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या’ वाक्य को हटाया दिया गया।
इस लोकहित याचिका को सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से दायर किया है। याचिका में राज्य सरकार की ओर से बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में किए गए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि यह अधिसूचना कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डालने वाली है और ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों और आम जनता के मनोबल को गिराती है।
नेशनल
दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।
दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?
इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।
एलजी के आदेश पर कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।
इस तरीके से चल रहे अभियान
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।
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