उत्तर प्रदेश
उमेश पाल की हत्या में शामिल था अतीक अहमद का बेटा असद, हुई शिनाख्त
लखनऊ/प्रयागराज। 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह अधिवक्ता उमेश पाल की शुक्रवार को हुई हत्या में गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का बेटा असद अहमद शामिल था।
वारदात के सीसीटीवी फुटेज से असद अहमद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अरमान की शिनाख्त हो गई है। अभी तक हमले में सात लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। बाकी तीन की भी शिनाख्त करवाई जा रही है।
उधर, उमेश की पत्नी जया की तहरीर पर पुलिस ने शनिवार को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और बेटों समेत उसके करीबी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम के खिलाफ IPC की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 506, 120-बी, 34, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की धारा 3 और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1932 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है।
दूसरी ओर, एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश लखनऊ मुख्यालय की टीम के साथ प्रयागराज में ही डेरा डाले हुए हैं। हमलावरों की धरपकड़ के लिए एसटीएफ समेत 10 टीमें लगाई गई हैं। हमलावरों के भागने के सभी संभावित रूट के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। इसके अलावा घटनास्थल के आसपास की दुकानों और घरों में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी चेक किए जा रहे हैं।
कई लोग हिरासत में लिए गए
मौके से बरामद खोखे की फरेंसिक जांच की जा रही है। शुक्रवार रात से ही एसटीएफ और पुलिस की टीमें हमलावरों की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं। प्रयागराज के साथ ही आसपास के कई जिलों में पुलिस की टीमों ने छापेमारी कर कई लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं, शुक्रवार रात हिरासत में लिए गए अतीक अहमद के दो बेटों एहजम और आबान समेत सात लोगों और अतीक की पत्नी शाइस्ता से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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