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उत्तर प्रदेश

उमेश पाल हत्याकांड: एफआईआर में जोड़ा गया अतीक के बेटे असद का भी नाम

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Umesh Pal murder case

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प्रयागराज। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने एफआईआर में माफिया अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद को भी नामजद कर दिया है। एफआईआर में उसका नाम जोड़ दिया गया। मूल एफआईआर में असद का नाम नहीं था।

असद के अलावा सदाकत खान, मुठभेड़ में मारे गए अरबाज और साबिर के नाम भी एफआईआर में जोड़े गए हैं। पुलिस का कहना है कि जितने लोग प्रकाश में आते जाएंगे, एफआईआर में उनके नाम जोड़ दिए जाएंगे।

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता, गुलाम और गुड्डू मुस्लिम को ही नामजद किया गया था। इसके अलावा अतीक का बेटा तथा अन्य बेटे लिखा था। अतीक के नौ साथी और अन्य सहयोगी भी लिखा गया था।

सीसीटीवी फुटेज, सदाकत खान का बयान तथा अन्य सुबूत मिलने के बाद विवेचक ने एफआईआर में अतीक के बेटे असद को नामजद कर दिया। असद के साथ सदाकत खान, मुठभेड़ के मारे गए अरबाज खान, बाद में प्रकाश में आए शूटर साबिर को भी नामजद कर दिया गया है।

फिलहाल इन सभी के खिलाफ धारा 302, 307, 147, 148, 149, दफा 34, 120 बी, विस्फोटक अधिनियम की धारा 3 और 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट लगाया गया है। सूत्रों का कहना एफआईआर में अभी और भी धाराएं जोड़ी जाएंगी।

सूत्रों ने बताया सदाकत खान से पूछताछ में पुलिस को कई और नामों के बारे में पता चला है जो षड्यंत्र में शामिल थे। ऐसे भी कुछ लोग हैं जो उस दिन घटनास्थल पर तो नहीं थे लेकिन मुस्लिम बोर्डिंग हाउस में जो मीटिंग होती थी, उसमें शामिल होते थे।

ये षड्यंत्र में पूरी तरह से शामिल थे। ऐसे लोगों के बारे में सुबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं। जल्द ही उन्हें भी नामजद किया जाएगा। इसके अलावा शूटरों को पैसों तथा अन्य तरीकों से मदद करने वाले भी इसमें शामिल होंगे।

सदाकत पर बढ़ाई गई एक और धारा

एफआईआर में ही सदाकत खान पर एक और धारा बढ़ाई गई। सदाकत ने पुलिस अभिरक्षा से भागने की कोशिश की थी। मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल के सामने भागते समय सदाकत डिवाइडर से टकरा कर घायल हो गया था। इसीलिए उसके खिलाफ पुलिस अभिरक्षा से भागने का प्रयास करने की धारा लगाई गई।

लंदन से कानून की पढ़ाई करना चाहता था असद

अतीक का बेटा असद लंदन से कानून की पढ़ाई करना चाहता था। उसने यूनिवर्सिटी आफ लॉ, टेक्सन यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन भी किया था। उसने पासपोर्ट के लिए भी एप्लाई किया था। हालांकि अतीक और परिवार के आपराधिक इतिहास को देखते हुए पुलिस ने वैरीफिकेशन पर आपत्ति लगा दी थी। इसी कारण असद का पासपोर्ट लटक गया।

उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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