Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

उमेश पाल हत्याकांड: असद समेत अन्य शूटरों को भागने में मददगार कारोबारी को उठाया

Published

on

Umesh Pal murder case

Loading

प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज से भागे माफिया अतीक अहमद के बेटे असद समेत अन्य शूटरों के नेपाल भागने की बात सामने आ रही है। असद को नेपाल भागने में मदद करने के आरोप में एसटीएफ ने सिद्धार्थनगर जनपद से एक पेट्रोल पंप कारोबारी को उठाया है।

इस कारोबारी के बारे में कहा जा रहा है कि वह प्रयागराज का रहने वाला है। उससे पूछताछ की जा रही है। हालांकि प्रयागराज में एसटीएफ तथा क्राइम ब्रांच इस बारे में मना कर रही है और प्रयागराज के कारोबारियों को भी ऐसे किसी व्यापारी के बारे में नहीं पता है।

24 फरवरी को प्रयागराज के सुलेम सराय में उमेश पाल की हत्या करने के बाद भागे अतीक के बेटे असद और बमबाज गुड्डू मुस्लिम, गुलाम तथा अरमान के बिहार और नेपाल भागने की बात शुरू से कही जा रही है।

एसटीएफ और क्राइम ब्रांच ने भी बिहार के अलावा बहराइच के रास्ते नेपाल भागने की संभावना को देखते हुए लगातार उधर ही फोकस कर रखा है। एसटीएफ की एक टीम लगातार नेपाल में ही सर्च ऑपरेशन चला रही है।

गुरुवार रात एसटीएफ ने सिद्धार्थनगर जनपद से एक पेट्रोल पंप संचालक को पकड़ा जिसका नाम कयूम अंसारी बताया जा रहा है। पता चला है कि उसका नेपाल में पेट्रोल पंप और अन्य कारोबार है। उसने असद और अन्य अपराधियों को नेपाल में शरण लेने में मदद की।

अतीक अहमद गिरोह के इस मददगार के बारे में बताया गया है कि वह प्रयागराज के मऊआइमा इलाके का रहने वाला है, मगर मऊआइमा इलाके के लोग और प्रयागराज के तमाम कारोबारी कयूम अंसारी नाम के व्यापारी को नहीं जानते हैं।

पेट्रोल पंप कारोबार से जुड़े लोग भी कयूम अंसारी के बारे में नहीं बता पा रहे हैं। इस बीच प्रयागराज क्राइम ब्रांच नवाबगंज इलाके से पकड़े गए सिम विक्रेता से पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच ने उसे कौड़िहार कस्बे से पकड़ा जहां उसकी मोबाइल शाप है।

पता चला था कि उमेश पाल हत्याकांड से पहले अतीक अहमद के बेटे असद ने 16 नए मोबाइल फोन और इतने ही सिम कार्ड खरीदे थे जिन्हें शूटरों के बीच बांटा गया था। अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सभी अपराधियों को एक-एक लाख रुपए भी खर्च के लिए दिए थे।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

Continue Reading

Trending