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खरीफ फसलों के लिए MSP को बढ़ाने की मंजूरी, इतना हुआ धान का रेट

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने 2022-23 फसल वर्ष के लिए धान के एमएसपी को 100 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है।

कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, “बुवाई के समय MSP की जानकारी हो जाने से किसानों का मनोबल भी बढ़ता है और उन्हें फसल के दाम भी अच्छे मिलते हैं।”

अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस बार खरीफ की सभी 14 फसलों और उनकी वैरायटीज सहित 17 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है। इसके अलावा भारत सरकार जल्द ही व्यापारियों को लगभग 1.2 मिलियन टन गेहूं बाहर भेजने की अनुमति देने पर विचार कर सकती है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सरकार पिछले महीने गेहूं के निर्यात पर अचानक प्रतिबंध के बाद से बंदरगाहों पर फंसे कार्गो को साफ करना चाहती है। हालांकि, सरकार की अनुमति के बाद भी लगभग 5 लाख टन गेहूं बंदरगाहों पर फंसा रह सकता है। इसकी वजह व्यापारियों को निर्यात परमिट नहीं मिल पाना है।

आपको बता दें कि केंद्र ने 14 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, पहले से जारी क्रेडिट (एलसी) और उन देशों को विदेशी शिपमेंट की अनुमति देने की छूट है जो अपनी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए आपूर्ति का अनुरोध करते हैं।

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दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को दी 7 दिन की अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हुए दंगो में साजिश के आरोप में जेल बंद आरोपी उमर खालिद को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को 7 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। जानकारी के मुताबिक, उमर खालिद ने अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। हालांकि, कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक 7 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी।

कौन है उमर खालिद?

उमर खालिद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का पूर्व छात्र है। उमर खालिद पर फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में कथित तौर पर मास्टरमाइंड होने के आरोप हैं। बता दें दिल्ली में 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध के दौरान दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था।

क्या है उमर खालिद पर आरोप?

जेएनयू के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों में साजिश के सिलसिले का आरोपी बनाया है। उमर खालिद को अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) तहत गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, दंगा, भीड़ जमा करना, राजद्रोह, आपराधिक साजिश समेत अन्य कई धाराओं में पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया है।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं। इसके बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और विशेष शाखा ने भी दंगे के पीछे कथित साजिश के मामले में उमर से पूछताछ की थी। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था। उमर खालिद को 11 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले उमर खालिद की कई याचिकाएं नामंजूर हो चुकी हैं।

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