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उत्तर प्रदेश

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के भतीजे ने की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

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Union Minister Kaushal Kishore nephew commits suicide

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लखनऊ। केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री और मोहनलालगंज संसदीय सीट से भाजपा सांसद कौशल किशोर (Union Minister Kaushal Kishore) के भतीजे नंदकिशोर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। नंदकिशोर ने दुबग्गा थाना अंतर्गत बिगरिया के अपने घर में फांसी लगाई। मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी है।

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कमरे के अंदर फंदे से लटकता मिला शव

इंस्पेक्टर दुबग्गा ने बताया कि नंद किशोर का शव घर के अंदर लटका हुआ पाया गया। शव को उनके भाई ने  सबसे पहले देखा और उनकी चीख सुनकर अन्य लोग वहां पर पहुंचे। आनन-फानन में नंद किशोर के शव को फंदे से उतारकर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

आत्महत्या के पीछे की वजह का नहीं लग सका पता

मामले की जानकारी लगते ही स्थानीय लोगों के साथ ही भाजपा के कई नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। सभी लोग दुबग्गा स्थित आवास पर पहुंचकर शोक संवेदनाएं व्यक्त रहे हैं। पुलिस का कहना है कि नंदकिशोर ने किन कारणों के चलते फांसी लगाई इसका पता अभी फिलहाल नहीं लग सका है।

पुलिस परिजनों व नंदकिशोर के दोस्तों और कुछ अन्य करीबियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि परिजनों और करीबी लोगों से बातचीत के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि आखिर नंदकिशोर ने यह कदम क्यों उठाया। फिलहाल इस बीच शव को पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया गया है।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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