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उत्तर प्रदेश

उप्र के अनूठे गीत, संगीत और नृत्य कलाओं का लुत्फ उठाएंगे जी-20 सम्मेलन के अतिथि

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unique songs, music and dance arts of UP

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लखनऊ। एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य के संकल्प और वसुधैव कुटुम्बकम को आत्मसात किए भारत जी-20 देशों की अगुवाई कर रहा है। इसी कड़ी में में जी-20 देशों के अतिथियों की मेजबानी का मौका उत्तर प्रदेश को भी मिला है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेहमानों के भव्य स्वागत की तैयारी की है। उन्होंने मेहमानों को प्रदेश की संस्कृति के साथ विरासत से रूबरू कराने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।

जी-20 देशों के अतिथियों को प्रदेश की नृत्य कला, शास्त्रीय संगीत और अन्य परंपरागत मनोरंजन से रूबरू कराने के लिए पर्यटन विभाग ने रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके अनुसार प्रदेश के दिग्गज कलाकार अपनी कला के माध्यम से विदेशी मेहमानों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

आगरा दिखेगा सारंगी, बासुरी, रास लीला और कथक का संगम

प्रदेश में जी-20 देशों के अतिथियों का आगमन फरवरी में होगा जबकि वह फरवरी और अगस्त में कुल मिलाकर पांच दिन प्रवास करेंगे। इस दौरान वह इन शहरों की विभिन्न प्रसिद्ध जगहों की सैर भी करेंगे।

आगरा में विदेशी मेहमानों के पहले दो दिवसीय प्रवास के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लखनऊ की कलाकार अलका ठाकुर सारंगी और बांसुरी की जुगलबंदी से अतिथियों का स्वागत करेंगी। वहीं दूसरे दिन मथुरा के संजय शर्मा ब्रज के पारंपरिक मयूर नृत्य, गीतांजलि शर्मा राधा माधव पर आधारित कथक और वंदना श्री फोक नृत्य व कृष्णा राधा रास की प्रस्तुति देंगी।

अगस्त में तीन दिवसीय दूसरे प्रवास के पहले दिन भातखंडे संस्कृत यूनिवर्सिटी की ओर से बांसुरी, तबला और संतूर की लाइव जुगलबंदी प्रस्तुत की जाएगी जबकि दूसरे दिन मथुरा के विनय कृष्ण गोस्वामी कृष्ण रास लीला और कथक केंद्र लखनऊ की ओर से नामामि रामम की प्रस्तुति दी जाएगी। वहीं तीसरे दिन ललितपुर की मोहनी पारंपरिक फोक डांस , लखनऊ के मनोज कुमार मिश्र ताल वाद्य और मुंबई के नीरज आर्य कबीर बैंड का लाइव कंसर्ट प्रस्तुत करेंगे।

पद्मश्री मालिनी अवस्थी प्रस्तुत करेंगी लोकगीत

नवाबों की नगरी लखनऊ में तीन दिवसीय प्रवास के दौरान पहले दिन कथक केंद्र की ओर से सेमी क्लासिकल डांस परफॉर्मेंस और लखनऊ के शेख इब्राहिम बांसुरी, तबला और संतूर की लाइव जुगलबंदी से मेहमानों काे मंत्रमुग्ध करेंगे जबकि दूसरे दिन प्रयागराज के आनंद किशोर अवध का डांडिया डांस, पद्मश्री मालिनी अवस्थी अवधी लोकगीत होली खेले रघुवीरा को प्रस्तुत करेंगी।

वहीं तीसरे दिन यूपीएसएनए की ओर से जश्न-ए-बनारस पर कथक की प्रस्तुति दी जाएगी। सांस्कृतिक विभाग के अनुसार वाराणसी में पं. ललित कुमार वाद्य यंत्र, विशाल कृष्ण शिव तांडव और आचार्य राहुल रोहित मिश्र क्लासिकल म्यूजिक परफॉर्मेंस देंगे।

इसके साथ ही राजेंद्र प्रसन्य शहनाई और बांसुरी की जुगलबंदी, अमित श्रीवास्तव मां गंगा पर धरोहर गंगा और शोभना नारायण कथक की प्रस्तुति देंगी। वहीं लखनऊ के शेख इब्राहिम तबला, मृदंगम और सारंगी की जुगलबंदी, गौरव-सौरभ भगवान श्री कृष्ण की थीम पर आधारित कथक नृत्य की प्रस्तुति देंगे।

जी-20 के मेहमानों के वाराणसी के अंतिम प्रवास के दौरान भातखंडे संस्कृत यूनिवर्सिटी की ओर से तबला, संतूर की जुगलबंदी, पं. बिरजू महाराज कथक संस्थान की ओर से मां गंगा पर आधारित कथक, कथक केंद्र लखनऊ की ओर से कथक पर आधारित सरस्वती वंदना और लखनऊ के अनुज मिश्र सीता स्वयंवर कथक की प्रस्तुति देंगे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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