प्रादेशिक
यूपी में टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति से लगातार कम हो रहे हैं कोरोना के मामले, नवनीत सहगल ने दी जानकारी
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ श्री नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में संक्रमण मुख्यमंत्री जी की एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति से कम हो रहा है। 30 अपैल, 2021 से प्रदेश के कुल एक्टिव मामलों में 01 लाख 10 हजार से अधिक की कमी आई है। इसके साथ-साथ नये मामलों की संख्या में भी तेजी से कमी हो रही है। प्रदेश में प्रतिदिन कोविड टेस्ट 2.50 लाख से अधिक किये जा रहे हैं, इसे 03 लाख तक बढ़ाये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गये हैं।
श्री सहगल ने बताया सर्विलान्स के साथ-साथ गाँवों में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है। निगरानी समितियों के द्वारा गाँव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गाँव में संक्रमणयुक्त लोगों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए गाँव में ही पंचायत भवन/स्कूल/सरकारी इमारतों मंे आइसोलेट करके उनका उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गांवों में चलाये जा रहे इस अनूठे अभियान की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा नीति आयोग द्वारा की गयी है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में कोविड मरीजों के लिए आॅक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। माह अप्रैल, 2021 से अब तक लगभग 38,000 बेड बढ़ाये गये हैं, जिसमें अधिकतर बेड आॅक्सीजनयुक्त बेड हैं। उन्होंने बताया कि कल अस्पतालों में 923 मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन की सप्लाई की गयी है। उन्होंने बताया कि 377 अस्पतालों में वातावरण से आॅक्सीजन बनाने के प्लाण्ट लगाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें 15 अस्पतालों में आॅक्सीजन प्लाण्ट चालू हो गये हैं। उन्होंने बताया कि आॅक्सीजन की सप्लाई की पूरी प्रक्रिया के लिए प्रदेश में बनाये गये साफ्टवेयर की तारीफ नीति आयोग द्वारा की गई है। प्रदेश सरकार नई औद्योगिक नीति ला रही है, जिसके तहत निजी क्षेत्र में भी आॅक्सीजन प्लाण्ट लगाने हेतु प्रेरित किया जायेगा।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में 18 से 44 वर्ष के आयु के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वैक्सीन उपलब्धता बढ़ाते हुए लोगों को जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगायी जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ग्लोबल टेण्डर जारी किया गया है।
श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में नदियों में कुछ स्थानों पर शव बहाये जाने पर मुख्यमंत्री जी ने गृह विभाग को निर्देश दिया है कि प्रदेश में राज्य आपदा प्रबन्धन बल (एसडीआरएफ) तथा पी0ए0सी0 की जल पुलिस को प्रदेश की सभी नदियों में पेट्रोलिंग करते हुए लोगों को नदी में शव न बहाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि गृह विभाग, नगर विकास, ग्राम्य विकास तथा पर्यावरण की एक कमेटी बनायी गयी है, जो लोगों को कैसे जागरूक करना है इस पर कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिसकी मृत्यु हुई है उसे सम्मानजनक रूप से उसकी अन्त्येष्टि करायी जाए। सरकार द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए बजट की स्वीकृति की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश स्तर पर बनी विशेषज्ञ चिकित्सक टीम को ब्लैक फंगस बीमारी के समुचित इलाज व्यवस्था एवं गाइडलाइन्स तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेशव्यापी आंशिक कोरोना कर्फ्यू के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आंशिक कोरोना कर्फ्यू में वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों, मेडिकल सम्बन्धी कार्य आदि आवश्यक अनिवार्य सेवाओं को यथावत जारी रखा गया है। आंशिक कोरोना कर्फ्यू की अवधि में पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फाॅगिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां तेजी से चलायी जा रही हैं। प्रदेश में पंजीकृत 08 लाख से अधिक औद्योगिक इकाइयों द्वारा मजदूरों को काम दिया जा रहा है। इन औद्योगिक इकाइयों में लगभग 01 लाख से अधिक कोविड हेल्प डेस्क बनाये गये हंै। इसके अलावा जिन औद्योगिक संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे ऐसे औद्योगिक संस्थानों में 1,696 कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। इन कोविड केयर सेंटरों में लगभग 04 हजार से अधिक बेड हैं। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके।
श्री सहगल ने बताया कि प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के अंतर्गत किसानों को उनके खातों में आज वितरित की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में 2195 करोड़ रुपये, वर्ष 2019-20 में 10,883 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2020-21 में 14,185 करोड़ रुपये इस प्रकार कुल 27,263 करोड़ रुपये अब तक प्रदेश के किसानों को धनराशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार कुल 261.50 लाख किसानों को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के अंतर्गत 5,230 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि माह मई 2021 में मिलेगी।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहँू क्रय अभियान में अब तक 05 लाख किसानों से 25,43,063.59 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है, जो विगत वर्ष से दुगुना है। उन्होंने बताया कि खरीफ फसल के लिए समुचित खाद, बीज एवं दवा आदि व्यवस्था की जा रही है। कोविड-19 के कफ्र्यू के दौरान कृषि उपकरणों के मरम्मत की दुकानों को खोला जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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