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उत्तर प्रदेश

कोर्ट में तब्दील हुई यूपी विधानसभा, 6 पुलिसकर्मियों को एक दिन कारावास की सजा

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UP assembly turned into court

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में आज शुक्रवार को ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला। बीजेपी विधायक सलिल विश्नोई के विशेषाधिकार हनन मामले में सदन को कोर्ट में तब्दील किया गया था। इस मामले के आरोपी 6 पुलिसकर्मियों को कटघरा बनाकर सदन के सामने पेश किया गया।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आरोपियों के एक दिन के कारावास का प्रस्ताव सदन के सामने रखा, जिस पर स्पीकर ने वोटिंग कराई। वोटिंग के दौरान सपा के विधायक सदन में मौजूद नहीं थे। बाकी बचे सदस्यों ने ध्वनिमत से प्रस्ताव को पारित करा दिया। मंत्री के प्रस्ताव से स्पीकर ने सहमति जताई और आरोपियों को एक दिन के कारावास की सजा सुनाई।

सभी आरोपियों ने बारी-बारी से सदन के सामने माफी भी मांगी। स्पीकर ने कहा कि कमिटी ने इनके निलंबन की कार्रवाई के लिए कहा था लेकिन पुलिसकर्मियों के आचरण आदि को देखते हुए उन्हें एक दिन के कारावास की सजा दी जा रही है। पुलिसकर्मी सिर्फ आज भर के लिए सदन में ही बनी एक स्पेशल सेल में बंदी बनाए जाएंगे।

विधायिका का सम्मान बने रहना जरूरी

दरअसल, सदन को अदालत में तब्दील किए जाने के बाद संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सभी आरोपियों के आरोप बताते हुए उन्हें एक दिन यानी आज रात 12 बजे तक कारावास की सजा दिए जाने का प्रस्ताव रखा था। सुरेश खन्ना ने इस दौरान कहा कि लोकतंत्र में विधायिका का सम्मान बने रहना जरूरी है। लाखों की आबादी से चुने ये प्रतिनिधि जनता के हितों में काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि ये सच है कि अधिकारी लोग शासन के निर्देशों का पालन करते हैं लेकिन ये अधिकार नहीं मिल जाता कि ये लोग किसी को गाली दें, अपमानित करें या डंडा चलाएं। वहां पर ऐसी कोई स्थिति नहीं थी कि डंडा चलाया जाता। संवेदनशीलता जरूरी है।

कहां कैद होंगे आरोपी

खन्ना के प्रस्ताव पर स्पीकर सतीश महाना ने कहा कि दोषी सभी पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा दी जाए। एक दिन का मतलब चौबीस घंटे होता है लेकिन मैं संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव से सहमत हूं कि आज रात 12 बजे तक ये आरोपी विधानसभा में ही बने सेल में रहेंगे।

सूर्य प्रताप शाही के प्रस्ताव का विरोध

दरअसल, विधानसभा में कारावास के लिए अलग से सेल बना हुआ है। उसी में दोषी पुलिसकर्मी शुक्रवार रात 12 बजे तक रहेंगे। सजा सुनाए जाने के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही कहा कि कुछ घंटे के लिए इन पुलिसकर्मियों के बैठने की व्‍यवस्‍था कर दी जाए जिस पर पूरे सदन में ‘नहीं-नहीं’ की आवाज आने लगी।

शाही के इस प्रस्‍ताव को सदस्‍यों ने मानने से इनकार कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री ने इस पर कहा कि स्पीकर के फैसले के बाद उस पर विचार या पुनर्विचार की जरूरत नहीं है लेकिन आप (स्पीकर) संवेदनशील हैं और बड़ी उदारता से यह फैसला दिया है। आपसे अनुरोध है कि इन लोगों के साथ व्यवहार ठीक हो। पानी-भोजन की व्यवस्था करवा दें।

स्पीकर ने दिए लॉकअप में भेजने के आदेश

इसके बाद स्पीकर ने आदेश दिया कि श्रीकांत शुक्ला, त्रिलोकी सिंह, छोटे सिंह यादव, विनोद मिश्रा, मेहरबान सिंह आदि को विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के मामले में सभी दोषियों को एक दिन के लिए तारीफ बदलने तक विधानसभा के लॉकअप में रखा जाए। कारावास में किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं होगा। सारी अनुमन्य सुविधाएं, भोजन इत्यादि की व्यवस्था भी रहेगी।

क्या था मामला

मामला 15 सितंबर, 2004 का है। कानपुर में उस वक्त के भाजपा विधायक सलिल विश्नोई अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बिजली कटौती की समस्या को लेकर डीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे। रास्ते में प्रयाग नारायण शिवालय के गेट पर उन्हें सीओ बाबूपुरवा अब्दुल समद के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने रोक लिया था।

नोकझोंक के बाद पुलिसकर्मियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ उनकी पिटाई कर दी थी और गाली-गलौज की गई थी। विश्नोई ने इसे विधायक के विशेषाधिकार की अवहेलना करार देते हुए अक्टूबर 2004 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। मामला विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सुपुर्द कर दिया गया था।

27 जुलाई, 2005 को विशेषाधिकार समिति ने इसे विशेषाधिकार की अवहेलना और सदन की अवमानना करार देते हुए तत्कालीन सीओ अब्दुल समद को कारावास की सजा दिए जाने की संस्तुति की थी। साथ ही घटना में उनके साथ मौजूद तत्कालीन थानाध्यक्ष किदवई नगर ऋषि कांत शुक्ला, दरोगा त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे लाल, विनोद मिश्र और मेहरबान सिंह को सदन में बुला कर चेतावनी देने की भी संस्तुति की थी। हालांकि, कुछ वजहों से इसे सदन में नहीं रखा जा सका था।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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