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प्रादेशिक

अवैध खनन हुआ तो अफसरों की खैर नहीं, सीएम योगी ने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

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लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने अवैध खनन पर सख्त चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अवैध खनन हुआ तो अफसरों की खैर नहीं है। बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध खनन की शिकायत मिलने पर माफियाओं के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों से कहा कि अवैध खनन की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अवैध खनन की शिकायतों को जिले के अधिकारी गंभीरता से लें। अवैध खनन को किसी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां से भी अवैध खनन की शिकायत आए, वहां संबंधित जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान अवैध खनन की शिकायत मिले तो तत्काल रोक लगाएं। जिले में होने वाले अवैध खनन की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि खनन माफियाओं के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अवैध खनन हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। पिछली सरकारों में खूब जमकर अवैध खनन हो रहा था और उसको राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त था। योगी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही अवैध खनन के खिलाफ सख्त रही है। समय-समय पर प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए अभियान चलाया जाता रहा है। इस साल जुलाई माह तक 3371 खनन माफिया चिह्नित किए गए।

19,121 मुकदमे दर्ज किए गए और 2281 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 42 आरोपियों के खिलाफ रासुका, 1530 पर गैंगेस्टर, 67 आरोपियों की कुर्की की गई। इसके अलावा 1030 आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट और 911 आरोपियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई। साथ ही 44 आरोपियों के शस्त्र निरस्त किए गए। साथ ही खनन की अनुमति देने में पारदर्शिता के लिए आनलाइन सिस्टम शुरू किया गया।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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