उत्तर प्रदेश
स्मार्ट क्लासेज में पढ़ रहे उप्र के बच्चे, डिजिटल लर्निंग को प्रेरित कर रही योगी सरकार
लखनऊ। उप्र के बच्चों की लर्निंग को स्मार्ट बनाने के लिए सरकारी स्कूलों में उन्हें स्मार्ट क्लासेज के जरिए शिक्षा प्रदान की जा रही है। डिजिटल कंटेंट के जरिए इस एकेडमिक ईयर में प्रदेश के अंदर 18 हजार से अधिक स्मार्ट क्लासरूम्स बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
बच्चों के साथ ही, शिक्षकों को भी डिजिटल लर्निंग के लिए तैयार किया जा रहा है, ताकि वो ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए बच्चों की पढ़ाई के स्तर को निखार सकें।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों को पढ़ाई की शुरुआत के साथ ही स्मार्ट क्लासेज जैसे ऑनलाइन साधनों से जोड़कर डिजिटल लर्निंग के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके लिए निपुण भारत अभियान के तहत प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों के बच्चों के लिए दीक्षा एप समेत कई अन्य माध्यमों को तैयार किया गया है।
उपलब्ध कराया जा रहा वीडियो कंटेंट
क्लासरूम में डिजिटल लर्निंग के लिए प्रदेश में बीते 6 माह में काफी काम किया गया है। इस दौरान दीक्षा एप के माध्यम से टेक्स्ट बुक और टीचिंग मैनुअल उपलब्ध कराए गए हैं। सिर्फ 6 माह में ही इसके जरिए 6500 से ज्यादा वीडियो कंटेंट के जरिए बच्चों को क्लासरूम में पढ़ाया गया है। वहीं, दीक्षा एप को टीचर ट्रेनिंग टूल के लिए बड़े पैमाने पर स्वीकार कर लिया गया है। इसके तहत 100 प्रतिशत शिक्षकों को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा चुका है।
यही नहीं, बच्चों की रीडिंग स्किल को बेहतर बनाने के लिए रीड एलॉन्ग एप को भी शुरू किया गया है। इस एप से अब तक प्रदेश के 10 लाख से अधिक टीचर और पेरेंट जुड़ चुके हैं। इन एप के जरिए बच्चों की पढ़ाई के स्तर, उनकी लिखने-पढ़ने की क्षमता को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
शिक्षकों को भी दिया जा रहा प्रशिक्षण
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस एकेडमिक ईयर में स्मार्ट क्लासेज के लिए 18 हजार से अधिक स्मार्ट क्लासरूम तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इस मुहिम पर तेजी से काम किया जा रहा है। साथ ही, सभी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के लिए 2 टैबलेट प्रदान करने का भी कार्य तेजी से प्रगति पर है।
निपुण भारत मिशन के तहत इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि बच्चों से पहले शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा के प्रति जागरूक हों, ताकि वो बच्चों तक इस माध्यम के जरिए विभिन्न तरह की शैक्षिक गतिविधियों को पहुंचा सकें।
निपुण भारत मिशन का उद्देश्य शिक्षकों को मौजूदा दौर की तकनीक का उपयोग कर शैक्षिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके लिए कई सत्रों में शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। प्रशिक्षण पा चुके शिक्षक अपने विद्यालयों में दीक्षा एप व अन्य डिजिटल माध्यमों से शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
यही नहीं, शिक्षक संकुल के नाम से पहचाने जाने वाले नोडल शिक्षक भी माह में एक बार बैठक करके शिक्षकों को शिक्षण के बेहतर तरीकों से अवगत करा रहे हैं। इसके अलावा शिक्षकों को दीक्षा कोर्स व व्यक्तिग तौर पर भी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रदेश स्तर पर हो रही निगरानी
डिजिटल लर्निंग के स्तर को आंकने के लिए इसकी तीन स्तरों पर निगरानी भी की जा रही है। पहली स्पॉट पर जाकर, दूसरी तिमाही समीक्षा के जरिए और तीसरी थर्ड पार्टी के जरिए। निपुण भारत मॉनीटरिंग सेंटर के जरिए छात्रों के सीखने की प्रक्रिया का स्तर देखा जाता है। इसकी शुरुआत दिसंबर 2021 में गोरखपुर से हुई थी। अब यह लगभग पूरे प्रदेश में शुरू हो चुकी है।
इसके अलावा निपुण तालिका, निपुण सूची और निपुण लक्ष्य के जरिए भी प्रत्येक स्कूल की निगरानी हो रही है। इसके जरिए लक्ष्य रखा गया है कि कक्षा 3 तक के छात्र अनुच्छेद को 60 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ सकें और 75 प्रतिशत तक प्रश्नों को सही हल कर सकें। 2025-26 तक 100 प्रतिशत छात्रों के निपुण लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास है।
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उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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